Wednesday, 29 November 2023

सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया

सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया


पिछले 17 दिनों से उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को कल रात 8 बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। शाम 7 बजकर 55 मिनट पर टनल से जैसे ही पहला मजदूर बाहर आया पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। इसके बाद अगले आधे घंटे के अंदर सभी 41 मजदूर टनल से बाहर आ गए। सुरंग से बाहर निकलने के बाद सभी मजदूरों को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका हेल्थ चेकअप हुआ। 

12 नवंबर को टनल के धंसने के कारण ये सभी 41 श्रमिक फंस गये थे। 13 नवंबर को औक्सीजन पाइप के द्वारा श्रमिकों से पहली बार सम्पर्क स्थापित हुआ था तथा बिते 21 नवंबर को पहली बार श्रमिकों से बातचित हो पाई थी।

बता दें कि पिछले 17 दिनों से देश के करोड़ों लोगों की निगाहें सिलक्यारा टनल पर टिकी हुई थीं। सभी को इंतज़ार था कि आखिर वो पल कब आएगा जब देश के ये मजदूर जो जान हथेली पर लेकर टनल में खुदाई कर रहे थे वो बाहर कब निकलेंगे, लेकिन 17 दिन बाद 28 नवंबर की सुबह उन मजदूरों के लिए शुभ घड़ी लेकर आई।

14 नवंबर से श्रमिकों को निकालने के लिए ड्रीलींग का काम शुरु कर दिया गया था। इस काम में एक ओर विदेशी विशेषग्यों से भी सहायता ली गयी तो दूसरी ओर लोग " बाबा बौखनाथ " की पुजा, अराधना में लगे हुए थे ताकि श्रमिकों का संकट शीघ्र समाप्त हो सके।

टनल में फंसे मज़दूरों को बाहर निकालने में जिस चीज़ ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई वो है रैट माइनिंग। वो रैट माइनिंग जिस पर 2014 में ही बैन लगा दिया गया था। इससे पहले अमेरिका से बुलाई ऑगर मशीन से ड्रिलिंग भी की जा रही थी। लेकिन आखिरी की 10 मीटर की खुदाई रैट-माइनर्स ने की और उनकी वजह से ही मजदूरों तक पहुंचना संभव हो पाया यानी रैट माइनिंग ने ही टनल में खुदाई का फाइनल टच दिया।

श्रमिकों के बाहर निकलने के बाद प्रधानमंत्री ने उनसे बात कर उनके स्बावास्थ्य के बारे में पुछा।

(आभार : TV9 Bharatvarsh)


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