तमिलनाडु मंत्री, स्टालिन का बयान हास्यास्पद ही नहीं, शरारत पूर्ण भी है
भा.रा. ब्राह्मण महासभा के कौटिल्य मंच से जुड़ें प्रबुद्ध लोगों ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के मंत्री पुत्र उदय निधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म के विषय में यह कहना कि यह डेंगू और कोरोना जैसी बीमारी है, इसे समाप्त करना होगा, गंभीरता से लिया है। एक बयान जारी कर इसे दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय और चिंतित करने वाला घोर आपत्तिजनक एवं जानबूझकर हिंदुओं के श्रद्धा एवं आस्था पर चोट पहुंचाने वाला बयान कहा है।
मंच एवं महासभा के संरक्षक जाने-माने साहित्यकार आचार्य राधा मोहन मिश्रा माधव ने कहा है कि मानव जीवन की चेतना का प्रथम उद्घोषक सनातन वैदिक धर्म ही है। संरक्षक एवं ऑल इंडिया जूलॉजी साइंस कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ बी एन पांडे ने कहा कि सनातन भारतीय संस्कृति की ध्वजवाहक है इससे हर भारतीय की आस्था जुड़ी है। संरक्षक एवं मगध विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष रहे जाने-माने शिक्षाविद प्रो. उमेशचंद्र मिश्र शिव ने कहा कि आज अधिकांश राजनीतिक दलों में धर्मविरोधी आचरण है, इनमें रचनात्मक राजनीति का घोर अभाव दिखता है। यही कारण है कि ऐसे बयान प्रायः आते रहते हैं जो उचित नहीं है।
ख्यातिप्राप्त साहित्यकार, कवि तथा राम लखन सिंह यादव कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर राम सिंह ने कहा कि सनातन संस्कृति विश्व मानवता की अमूल्य निधि है, ज्ञान का प्रथम प्रकाश देने वाले सनातन का विरोध करने वाले अज्ञानी ही कहे जाएंगे।
विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विवेकानंद मिश्र ने स्टालिन के बयान को हास्यास्पद ही नहीं शरारत पूर्ण भी बताया है। सिद्धनाथ मिश्रा महासभा एवं मंच के प्रदेश सचिव किरण पाठक, प्रियंका मिश्रा रुक्मिणी पाठक ने कहा कि ऐसे तमाम सनातन विरोधियों का सामाजिक बहिष्कार करना ही एकमात्र उपाय है।
आचार्य नारायण पाठक शिवचरण डालमिया स्वामी सत्यानंद गिरी देवेंद्र मनोज पाठक पंडित बालमुकुंद मिश्र गजाधर लाल पाठक ज्ञानेश भारद्वाज ने कहा कि विगत कुछ वर्षों से सनातन धर्म विरोधियों द्वारा सुनियोजित सनातन विरोधी मुहिम चलाया जा रहा है जो राष्ट्र समाज एवं मानवता के लिए अशुभ संकेत है।
प्रो रीना सिंह प्रो अशोक कुमार यादव डा. मृदुला मिश्रा रंजीत पाठक डा.सच्चिदानंद पाठक बालेन्द्र पांडेय रविभूषण भट्ट विनय लाल पाठक श्यामाशंकर त्रिपाठी पवन मिश्रा रूबी देवी कविता राउत नीलम कुमारी पियूषा गुप्ता चंचला शर्म प्रेरणा मराठे अर्चना मिश्रा रविभूषण पाठक जनक बाबा आचार्य अभय पाठक ऋषिकेश गुर्दा, विश्वजीत चक्रवर्ती अनीता देवी, मोहम्मद शार्दुल, बबलू , पूजा कुमारी देवेंद्र नाथ मिश्रा डॉ विनोद कुमार मिश्रा ममता कुमारी अधिवक्ता मोहम्मद सद्दाम सुनीता देवी एस के पाठक अधिवक्ता दीपक पाठक मुन्ना पाठक तस्लीम गणेश मिश्रा अर्चना बनर्जी नुसरत परवीन तरन्नुम रेशमा राम भजन दास देव कुमार ठाकुर निरंजन दास गुप्तेश्वर ठाकुर केवल सिंह आदि ने कहा कि किसी भी धर्म का विरोध करना राष्ट्र एवं मानवता के खिलाफ है। इसके लिए ऐसे बयानवीरों पर तत्काल कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। सनातन धर्म पर बराबर प्रहार करते रहने वाले उन तमाम लोगों को खासकर बुद्धिजीवियों को आगे बढ़कर जवाब देने चाहिए। बड़ी संख्या में लोगों ने यह बात कही।
(स्रोत : दिव्य रश्मि )
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