Sunday, 28 May 2023

Mars Planet: मंगल ग्रह पर बड़ी नदी होने के म‍िले न‍िशान, नासा और चीन के रोवर को म‍िले पानी के संकेत

Mars Planet : मंगल ग्रह पर बड़ी नदी होने के म‍िले न‍िशान, नासा और  चीन के "रोवर" को म‍िले पानी के संकेत


वॉशिंगटन. नासा के पर्सीवरेंस रोवर (Perseverance Rover) और चीन के झुरोंग रोवर (ZhuRong Rover) को मंगल ग्रह (Mars Planet) पर बहती नदियों और भीगे हुए रेत के टीलों के संकेत मिले हैं. चीन के रोवर ने पाया कि आज से करीब 4 लाख साल पहले अत्यधिक ठंड की वजह से रेत के टीले जम कर कड़े हो गए होंगे. वहीं नासा (NASA) के पर्सीवरेंस को जो संकेत मिले हैं वह बताते हैं कि ताकतवर जलमार्ग ने जेजीरो क्रेटर में अपना रास्ता बनाया होगा, जिसकी वजह से इसमें अच्छी खासी दर से पानी गिरा होगा.

नासा के पर्सीवरेंस को मंगल की अब तक की सबसे बड़ी नदी मिली है. चट्टानों के आकार से यह अंदाजा लगाया गया है कि यह नदी कुछ जगहों पर 66 फीट से ज्यादा गहरी थी. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह संरक्षित नदी के किनारे की रेत थी.

यूटा में ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के शोधार्थी जानी राडेब का दोनों जानकारियों को लेकर कहना है कि, यह बहुत अहम जानकारी है जो दूसरे ग्रह की सतह के बारे में हमें बता रही है.

नेट जियो की रिपोर्ट बताती है कि चीन के रोवर ने मंगल की सतह पर पानी के निशान खोजे हैं. रोवर के करीब रेत के टीले पर एक तरह की पपड़ी बन गई थी जो पानी के खनिजों के संपर्क में आने से बनी होगी. हो सकता है क‍ि पूर्व में पानी यहां इन रेत के टीलों पर पाले की वजह से आया होगा या हजारों साल पहले ग्रह के झुकाव की वजह से इस क्षेत्र में बर्फ गिरी होगी.

ब्राउन यूनिवर्सिटी के ग्रह वैज्ञानिक और नासा के मंगल उत्सुकता मिशन के सदस्य राल्फ मिल्लिकेन का कहना है कि मंगल पर पाई जाने वाली धूल खनिज से लबरेज है जो हवा में मौजूद पानी को सोख सकती है. अगर यह सामग्री रेत के टीलों को ढक लेती है, तो मौसम में आए बदलाव से पैदा हुई आर्द्रता धूल से पानी को सोख सकती है और फिर बिना तरल बने उसे छोड़ सकती है. मिलिकेन का कहना है कि यह वह प्रक्रिया है जो मंगल ग्रह पर अलग-अलग जगह पर हो सकती है.

जहां चीन के रोवर ने भीगे हुए रेत के टीलों की जांच की. वहीं पर्सीवरेंस ने एक शक्तिशाली धारा के अवशेषों की खोज की. नासा के रोवर ने जो साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, उसके हिसाब से ग्रह पर प्राचीन समय में एक नदी बहा करती थी जो काफी गहरी थी. और इसका बहाव काफी तेज था. यह नदी उस जलमार्ग के नेटवर्क का हिस्सा था जो जेजीरो क्रेटर में बहता था. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यह वही क्षेत्र है जहां रोवर पिछले 2 सालों से सूक्ष्म जीवों के जीवन के संकेतों की उम्मीद में खोज कर रहा है.

नासा ने अपनी विज्ञप्ति में बताया है कि, इससे साफ हो जाता है कि एक ताकतवर नदी अपने साथ बहुत सारा मलबा लेकर आई है. नदी का बहाव जितना शक्तिशाली होता है वह उतनी आसानी से बड़े टुकड़ों को बहा कर ला सकती है. दूसरे ग्रह पर इस तरह की चट्टानों का दिखना और परिचित प्रक्रियाओं का होना बेहद खुशी की बात है.

पिछले 2 सालों से पर्सीवरेंस रेतीली चट्टान के एक 820 फुट ऊंचे ढेर की जांच कर रहा है. जो 820 फीट लंबा और घुमावदार है जो बहते हुए पानी का संकेत देता है. इस घुमावदार इकाई के बीच एक जगह को स्प्रिंकल हेवन का नाम दिया गया है.

(स्रोत : न्युज 18 )



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