इस गांव के किसी भी घर में नहीं मिलेगी टीवी, वर्षों पुरानी परंपरा को निभा रहे लोग
रिपोर्ट: आदित्य कृष्ण
अमेठी: अमेठी के ऐंठा गांव में करीब 200 परिवार रहते हैं. इस गांव में सड़क-बिजली-पानी की सभी सुविधाएं हैं. यहां तक कुछ घरों में फ्रिज, कूलर और वाशिंग मशीन भी दिख जाएगी, लेकिन अगर नहीं दिखेगी तो वो है टीवी. इस गांव की परंपरा है कि यहां टीवी का इस्तेमाल ही नहीं किया जाता. सालों पुरानी परंपरा को गांववाले आज भी ईमानदारी से निभा रहे हैं. टीवी न होने की दशा में मनोरंजन के लिए लोग दुकानों पर बैठ जाते हैं. अखबार पढ़ लेते हैं. एक-दूसरे हाल-समाचार ले लेते हैं, लेकिन किसी भी सूरत में टीवी का सहारा नहीं लेते.
अमेठी के गौरीगंज तहसील के अंतर्गत आने वाले ऐंठा गांव में करीब 200 घरों की आबादी है. लेकिन किसी भी घर में लोग टीवी नहीं रखते. बच्चों के पढ़ने के लिए गांव में ही 2 सरकारी विद्यालय हैं. साथ ही मजहब तामील के लिए एक मदरसा भी है. यहां बच्चों को उर्दू के साथ हिंदी भाषा पढ़ाई जाती है. गांव में लगभग सभी सुविधाएं हैं, लेकिन यहां टीवी आज भी लोग इस्तेमाल नहीं करते. यहां तक कि शादियों में उपहार के तौर पर न टीवी दी जाती है और न ही ली जाती है. इस गांव के लोग विदेशों में भी हैं, लेकिन वे भी टीवी से परहेज करते हैं.
आगे भी निभाएंगे परंपरा
ऐंठा गांव के ग्रामीण रिजवान अहमद बताते हैं कि गांव में टीवी देखने की परंपरा नहीं है. गांव के किसी घर में टीवी नहीं है. हम लोगों के धर्म में टीवी देखना गुनाह माना जाता है. यह परंपरा पुश्तैनी है और आगे भी इसको निभाया जाएगा.
ताकि बच्चों पर न पड़े बुरा प्रभाव
गांव के प्रधान मोहम्मद शमीम ने बताया कि टीवी में दिखाए गए कार्यक्रम हमारे धर्म और मजहब के खिलाफ होते हैं. बच्चे गलत संगत में न जाएं और उनपर दुष्प्रभाव न पड़े, इसलिए यहां कभी टीवी नहीं रखी गई. साथ ही हमारे धर्म में भी टीवी रखने की इजाजत नहीं दी जाती. हम लोग इस परंपरा को वर्षों से निभा रहे हैं. आगे कहा, अगर कोई मोबाइल पर चोरी-छिपे कुछ देखे तो वो अलग बात है, लेकिन टीवी देखने या रखने की यहां मनाही है.
(स्रोत : News18 हिंदी)
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