भारत का एक ऐसा अनोखा गांव, जहां के लोग खाते हैं एक देश में और सोते हैं दूसरे देश में
गांव के बारे में रोचक तथ्य -
इस गांव की सबसे दिलचस्प बात यह है कि भारत-म्यांमार की सीमा गांव से होकर गुजरती है। दिलचस्प बात तो ये है कि सीमा ग्राम प्रधान के घर से होकर गुजरती है, जो इसे दो हिस्सों में विभाजित करती है, एक भारत में और दूसरी म्यांमार में। ग्रामीणों को सीमा पार करने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होती है। बल्कि वो तो दोनों देश में स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं। ये जानकार शायद हैरानी हो, लेकिन कुछ घरों का बेडरूम भारत में और किचन म्यांमार में मौजूद है। म्यांमार की तरफ करीब 27 कोन्याक गांव हैं।
(फोटो साभार : indiatimes.com)
लोंग्वा के लोग -
नागालैंड के लोग काफी मिलनसार हैं। इस गांव के कुछ स्थानीय लोग भी म्यांमार सेना में शामिल हैं। लोंगवा गांव के लोग कोन्याक जनजाति के हैं, जिन्हें हेडहंटर होने के लिए जाने जाते हैं। 1960 के दशक तक गांव में सिर का शिकार एक लोकप्रिय प्रथा रही है। गांव के कई परिवारों के पास पीतल की खोपड़ी का हार है, जिसे वे एक महत्वपूर्ण मान्यता के रूप में मानते हैं। हार को युद्ध में जीत का प्रतीक माना जाता है।
(फोटो साभार : wikipedia)
यहां के राज की हैं 60 पत्नियां -
लोंगवा में देखने और करने के लिए चीजें -
यह पूर्वोत्तर भारत में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। लोंगवा का शांत वातावरण और यहां की हरी भरी हरियाली लोगों का दिल जीत लेती है। प्रकृति के आकर्षण के अलावा, लोंगवा में नागालैंड साइंस सेंटर, डोयांग नदी, शिलोई झील, हांगकांग मार्केट और कई अन्य पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं।
(Source : Navbharat Times)
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