तीसरे टेस्ट में साऊथ अफ्रीका ने भारत को 7 विकेट से हराया, सीरीज पर भी कब्जा किया
केपटाउन
दिग्गज बल्लेबाजों और सितारों से सजी टीम इंडिया के जोश पर साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों का धैर्य भारी पड़ा गया। उसे तीसरे और फाइनल टेस्ट में मेजबान टीम ने 7 विकेट से हरा दिया। अपनी पहली पारी में 223 रन बनाने वाली भारतीय टीम दूसरी पारी में 198 रन ही बना पाई। साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 210 रन बनाए थे। इस आधार पर मेजबान टीम को जीत के लिए 212 रनों की जरूरत थी, जिसे उसने 63.3 ओवरों में 3 विकेट खोकर हासिल कर लिया। इसके साथ ही भारत की साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने के अरमानों पर पानी फिर गया।
मेजबान टीम के लिए विनिंग चौका टेम्बा बाउमा ने लगाया। टेम्बा बाउमा ने 58 गेंदों में 5 चौके की मदद से नाबाद 32 और रासी वान डर डुसेन ने 95 गेंदों में 3 चौके की मदद से 41 रन बनाकर नाबाद रहे। पहला टेस्ट सेंचुरियन में हुआ था, जिसे भारतीय टीम ने 113 रन से जीता था। इसके बाद साउथ अफ्रीकी टीम ने जोहानिसबर्ग में वापसी की और 7 विकेट से जीत दर्ज करते हुए सीरीज 1-1 से बराबरी पर ला दिया। इसके बाद केपटाउन टेस्ट जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली।
पीटरसन ने एल्गर (30) के साथ दूसरे विकेट के लिये 78 रन की साझेदारी की थी। वह तीसरे दिन 48 रन बनाकर नाबाद थे और चौथे दिन मोहम्मद शमी को दो रन लेकर न केवल अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की, बल्कि दिन के खेल में साउथ अफ्रीका का खाता भी खोला। 65 गेंदों में फिफ्टी जड़ने के बाद वह शतक की ओर बढ़ रहे थे कि शार्दुल ठाकुर ने एक जबरदस्त गेंद पर उन्हें बोल्ड कर दिया। उन्होंने 113 गेंदों में 10 चौके की मदद से 82 रन की पारी खेली, जब यह विकेट गिरा तब तक भारत के हाथ से मैच लगभग निकल चुका था, क्योंकी मेजबान को जीत के लिए 60 रन से भी कम की जरूरत थी।
रासी वान डर डुसेन ने टेम्बा बाउमा के साथ मिलकर लंच ब्रेक तक कोई झटका नहीं लगने दिया और 3 विकेट पर 171 रन स्कोरबोर्ड पर टांग दिए। उसे अब जीत के लिए 41 रनों की जरूरत थी, जबकि भारत की राह मुश्किल हो चुकी थी। उसे 7 विकेट की जरूरत थी। यहां से टेम्बा बाउमा और रासी वान डर डुसेन ने टीम को कोई झटका नहीं लगने दिया। इन दोनों ने 57 रनों की जोरदार साझेदारी करते हुए मैच फिनिश कर दिया।
इससे पहले भारत ने ऋषभ पंत की मुश्किल हालात में खेली गई नाबाद शतकीय पारी के बावजूद साउथ अफ्रीका के सामने 212 रन का लक्ष्य रखा था। उसने तीसरे दिन आखिरी क्षणों में डीन एल्गर का कीमती विकेट निकालकर तीसरे और निर्णायक टेस्ट क्रिकेट मैच में अपनी उम्मीदें जीवंत रखी थीं, लेकिन चौथे दिन भारतीय गेंदबाज कुछ कमाल नहीं कर सके।
(स्रोत : नवभारत टाइम्स)
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