Friday, 7 January 2022

डीन एल्गर के आगे भारत के सारे पैंतरे फेल, साउथ अफ्रीका ने 7 विकेट से जीत बराबर की सीरीज

डीन एल्गर के आगे भारत के सारे पैंतरे फेल, साउथ अफ्रीका ने 7 विकेट से जीत बराबर की सीरीज


जोहानिसबर्ग

कप्तान डीन एग्लर (188 गेंद, 10 चौके और नाबाद 96 रन) की कप्तानी पारी के दम पर साउथ अफ्रीका ने दूसरे टेस्ट के चौथे दिन भारतीय टीम को 7 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही उसने सीरीज 1-1 से बराबरी कर दी है। भारत से मिले 240 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका ने अपने घरेलू मैदान पर पूरे धैर्य से बैटिंग की और भारतीय टीम के अरमानों पर पानी फेर दिया। चौथे दिन जब बारिश की वजह से काफी देर बाद मैच शुरू हुआ तो उसे जीत के लिए 122 रनों की जरूरत थी। यहां से कप्तान डीन एल्गर ने एक छोर संभाला और दमदार बैटिंग करते हुए साउथ अफ्रीका की झोली में मैच डाल दिया।

भारतीय टीम की यह जोहानिसबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में पहली हार है। इससे पहले खेले गए 5 मैचों में से उसने 3 ड्रॉ कराए थे, जबकि दो में जीत हासिल की थी। सीरीज का तीसरा टेस्ट 11 जनवरी से केपटाउन में खेला जाएगा। अगर भारत वह मैच जीत लेगा तो पहली बार साउथ अफ्रीका में उसका टेस्ट सीरीज जीतने का सपना पूरा हो जाएगा।

जसप्रीत बुमराह को विकेट नहीं मिला जबकि मोहम्मद सिराज पूरी तरह से फिट नहीं थे जिससे भारतीय रणनीति प्रभावित हुई। दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के विश्वसनीय ड्राइव वास्तव में दर्शनीय थी जिससे उन्होंने भारतीयों को हावी नहीं होने दिया।


इससे पहले कप्तान डीन एल्गर की ठोस नाबाद पारी और दो उपयोगी साझेदारियों से दक्षिण अफ्रीका ने दो विकेट पर 118 रन बनाकर 240 रन का लक्ष्य हासिल करने की उम्मीदें जीवंत रखी थीं। एल्गर 46 और रॉसी वान डर डुसेन 11 रन पर खेल रहे थे। चौथे दिन काफी समय का खेल बारिश की वजह से धुल गया। भारतीय समयानुसार शाम सवा 7 बजे जब खेल शुरू हुआ तो दोनों ही बल्लेबाजों ने मुस्तैदी से भारतीय गेंदबाजों का सामना करते हुए भारत को बैकफुट पर धकेल दिया।

इन दोनों ने मिलकर टीम को 175 रनों तक पहुंचाया। पार्टनरशिप ब्रेकर के रूप में जाने वाले मोहम्मद शमी ने रॉसी वान डर डुसेन को 40 रनों के निजी स्कोर पर चेतेश्वर पुजारा के हाथों कैच आउट कराते हुए दिन की पहली सफला दिला दी। उन्होंने 92 गेंदों में 5 चौके लगाए। इसके बाद टेंबा बाउमा और कप्तान डीन एल्गर ने कोई झटका नहीं लगने दिया। उन्होंने आर. अश्विन की गेंद पर विनिंग चौका जड़ा। टेंबा बाउमा 45 गेंदों में 3 चौके की मदद से 23 रन बनाकर नाबाद रहे।

साउथ अफ्रीकी टीम जब 122 रन (कुल 240, जबकि चौथे दिन बचा हुए रन 122) के लक्ष्य का पीछा करने चौथे दिन उतरी तो उम्मीद थी कि ओवरकास्ट कंडिशन का फायदा भारतीय गेंदबाज उठाने में सफल रहेंगे और अगर कुछ विकेट जल्दी चटका लेते हैं तो मेजबान टीम दबाव में आ जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। डुसेन जरूर आउट हुए, लेकिन डीन एल्गर का बल्ला रन उगलता रहा और उन्होंने टेंबा बाउमा के साथ मिलकर साउथ अफ्रीका को जीत दिला दी।

भारत ने अपनी पहली पारी में 202 रन बनाए थे, जबकि दूसरी पारी में 266 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 229 रन बनाकर 27 रन की बढ़त हासिल की थी। इस तरह भारत ने उसे 240 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे हासिल करना अनियंत्रित उछाल वाली पिच पर पाना कतई आसान नहीं था। वांडरर्स में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकार्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है, जिसने 2011 में 310 रन बनाकर जीत दर्ज की थी।

(स्रोत : नवभारत टाइम्स)

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