बच्चे पैदा करने के लिए लोन दे रही चीनी सरकार, मिलेगा 'बंपर डिस्काउंट' और भी कई ऑफर
दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश चीन अपनी घटती जनसंख्या से परेशान है। आबादी बढ़ाने के लिए सरकार तरह-तरह के उपाय कर रही है। लोगों को एक बच्चे की नीति से आजाद किए जाने के बाद भी कोई खास फर्क नहीं दिख रहा है। ऐसे में चीन का सबसे तेजी से सिकुड़ती आबादी वाला एक प्रांत जोड़ों को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में एक खास तरह के लोन का ऑफर दे रहा है। इसका मकसद तेजी से बूढ़े हो रहे देश की जन्म दर में गिरावट को रोकना है।
जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नीतियों पर एक आधिकारिक दस्तावेज में इसकी जानकारी दी गई है। दस्तावेज के अनुसार पूर्वोत्तर चीन के जिलिन प्रांत में सरकार विवाहित जोड़ों को 200,000 युआन (31,400 डॉलर- करीब 23 लाख 50 हजार से भी ज्यादा) तक का 'विवाह और जन्म उपभोक्ता ऋण' देने के लिए बैकों का समर्थन करेगी। हालांकि इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है कि सरकार कैसे मदद करेगी लेकिन इसमें रियायती ब्याज दरें शामिल हैं।
बच्चों वाले कपल को मिलेंगी सरकारी सुविधाएं
चीन की जन्म दर बीते कुछ सालों में तेजी से घटती जा रही है। बेहद कम लोग ही अब बच्चे पैदा कर रहे हैं। सरकार ने लोगों को कई तरह की छूट भी दी है जिसके तहत अब लोग जितने चाहें बच्चे पैदा कर सकते हैं। चीनी सरकार लगातार एक परिवार के पालन पोषण के खर्च को कम करने की भी कोशिश कर रही है ताकि लोगों को प्रोत्साहन मिल सके। जिलिन प्रांत की नीति के अनुसार अगर किसी दंपति के बच्चे हैं और वे उसका ब्यौरा सरकार के पास दर्ज करवाते हैं तो उन्हें न सिर्फ प्रांत में रेजिडेंस परमिट दिया जाएगा बल्कि वे प्रांत की सरकारी सुविधाओं का भी लाभ उठा पाएंगे।
बिजनेस शुरू करने पर टैक्स में छूट
गुरुवार को जारी दस्तावेज के अनुसार दो या तीन बच्चों वाला कपल अगर कोई छोटा व्यापार शुरू करता है तो उन्हें टैक्स में छूट दी जाएगी। जिलिन प्रांत पिछले दशक से लगातार घटती जनसंख्या और सुस्त अर्थव्यवस्था वृद्धि का सामना कर रहा है। चीन की जन्म दर 1978 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है। यह ऐसे समय पर हुआ है, जब सरकार जनसांख्यिकीय संकट को दूर करने के लिए संघर्ष कर रही है।
'द गार्जियन' ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया था। चीन के सरकारी विभाग नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया था कि 2020 में जन्म दर प्रति हजार लोगों पर 8.5 दर्ज की गई है, जो 1978 के बाद से सबसे कम है।
(स्रोत : नवभारत टाइम्स)
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