Sunday, 26 December 2021

ओमीक्रोन से बचना है तो मास्‍क अपग्रेड करना होगा, फिटिंग सही तो कोरोना नहीं : एक्‍सपर्ट्स

 ओमीक्रोन से बचना है तो मास्‍क अपग्रेड करना होगा, फिटिंग सही तो कोरोना नहीं : एक्‍सपर्ट्स


पुणे

महाराष्‍ट्र कोविड-19 टास्‍क फोर्स के सदस्‍यों ने मास्‍क अपग्रेड करने के संकेत दिए हैं। एक्‍सपर्ट्स ने ओमीक्रोन संक्रमण से लोगों की सुरक्षा के लिए कोविड व्‍यवहार के मानक बढ़ाने की सलाह दी है। INSACOG के सदस्‍य CSIRIGIB के प्रिंसिपल साइंटिस्‍ट विनोद सकारिया ने एक ट्वीट में कहा कि 'सही फिटिंग' का मास्‍क पहनना सबसे जरूरी है।

'सही फिटिंग का FFP2 मास्‍क सबसे अच्‍छा है। अगर कोई संक्रमित व्‍यक्ति ढंग का प्रॉपर फिटिंग वाला FFP2 मास्‍क पहनता है तो औसत इन्‍फेक्‍शन का खतरा 1,000 में 1 है। सर्जिकल मास्‍क बहुत बेकार (10 में से 1 का खतरा ) हैं। मास्‍क अपग्रेड करने का विचार अच्‍छा है, खासतौर से हाई-रिस्‍क वाले ग्रुप और को-मॉर्बिडिटीज वाले लोगों में।'

कपड़े का मास्‍क काफी नहीं

स्‍टेट टास्‍क फोर्स के सदस्‍य डॉ शशांक जोशी ने कहा, 'कोविड हवा में ड्रॉपलेट्स के जरिए फैलने वाला वायरस है। बचने के लिए सही फिटिंग के मास्‍क का इस्‍तेमाल जरूरी है... अगर कोई कपड़े का मास्‍क पहन रहा है तो उसे सर्जिकल 3-प्‍लाई मास्‍क जरूर पहनना चाहिए ताकि पर्याप्‍त सुरक्षा हो सके।' उन्‍होंने कहा कि वुहान के ऑरिजिनल स्‍ट्रेन की संक्रामकता 3.5 थी जो डेल्‍टा में बढ़कर 6 हो गई और ओमीक्रोन के लिए 9 है।

एक्‍सपर्ट्स ने कहा कि डेल्‍टा और ओमीक्रोन की संक्रामकता काफी ज्‍यादा है। इसलिए हेल्‍थकेयर और भीड़भाड़ वाली जगहों पर N95 या FFP2 मास्‍क पहनना जरूरी है। मास्‍क सही से फिट भी होना चाहिए। अगर नाक और मुंह बंद हो फिर भी मास्‍क में गैप हो तो संक्रमण हो सकता है।

स्‍टेट टास्‍क फोर्स के एक और सदस्‍य वसंत नागवेकर ने कहा, 'ओमीक्रोन के आने के बाद पुराने नियमों में थोड़ा बदलाव की जरूरत है।' फिजिशियन डॉ मारिया निगम ने कहा, 'N95 या FFFP2 मास्‍क से करीब 95% तक एयरबॉर्न वायरस पार्टिकल्‍स को नेजल एयरवे में घुसने से रोक लेते हैं लेकिन सर्जिकल मास्‍क से ट्रांसमिशन ठीक से नहीं रुकता।'

(स्रोत : नवभारत टाइम्स)

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