Wednesday, 20 October 2021

इमरान खान का 'नया पाकिस्‍तान' आर्थिक तबाही की ओर, इतिहास में सबसे खराब स्थिति

इमरान खान का 'नया पाकिस्‍तान' आर्थिक तबाही की ओर, इतिहास में सबसे खराब स्थिति




'नया पाकिस्‍तान' बनाने का वादा करके सत्‍ता में आए इमरान खान का रियासत-ए-मदीना गंभीर आर्थिक संकट में घिर गया है। इमरान खान ने पाकिस्‍तान की जनता से वादा किया था कि वे देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएंगे लेकिन अब उनका वादा खोखला साबित हो रहा है। पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था तबाही के दौर में पहुंच गई है और वह इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

पाकिस्‍तानी अखबार द न्‍यूज इंटरनैशनल की रिपोर्ट के मुताबिक देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इमरान सरकार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले दो साल के अंदर 51.6 अरब डॉलर की विदेशी वित्‍तीय सहायता चाहिए। अखबार ने कहा कि साल 2021-22 में पाकिस्‍तान को 23.6 अरब डॉलर और वर्ष 2022-23 में 28 अरब डॉलर की जरूरत होगी।

सबसे ज्‍यादा विदेशी कर्ज वाले देशों में आया पाकिस्‍तान
यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष ने पाकिस्‍तान के बारे में बहुत ही रूढ़िवादी अनुमान लगाए हैं। पाकिस्‍तानी अधिकारी अब लोन हासिल करने के लिए आईएमएफ के साथ अंतिम समझौता करने में जुटे हुए हैं। पाकिस्‍तान आईएमएफ से लोन लेना चाहता है ताकि अपनी विदेशी वित्‍तपोषण की जरूरतों को पूरा कर सके। विश्‍वबैंक ने अपनी हालिया रिपोर्ट में इस बात को माना था कि पाकिस्‍तान दुनिया के उन 10 देशों की सूची में शामिल हो गया है जिनके ऊपर सबसे ज्‍यादा विदेशी कर्ज है।


विश्‍वबैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि इस साल जून महीने में पाकिस्‍तान का विदेशी कर्ज 8 फीसदी की दर से बढ़ा है। एक अन्‍य रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान खान सरकार ने 44 करोड़ डॉलर से ज्‍यादा की धनराशि को विश्‍वबैंक से उधार लिया है। इस बीच विश्‍वबैंक और एशियाई विकास बैंक ने अब अपना लोन कार्यक्रम रद कर दिया है जिससे अब पाकिस्‍तान के लिए कर्ज जुटाना भारी पड़ रहा है। इसी वजह से अब पाकिस्‍तान के लिए आईएमएफ से किसी भी तरह से 6 अरब डॉलर का कर्ज जुटाना ही होगा।

(स्रोत : नवभारत टाइम्स)



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