चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ क्वाड का रोडमैप तैयार, सदस्य देशों ने दिए गंभीर संकेत
भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के प्रमुखों की वाशिंगटन में शुक्रवार दोपहर बाद हुई बैठक का इशारा साफ है कि इन देशों के पास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ एक व्यापक और ठोस एजेंडा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र को अपना साझा भविष्य बताते हुए इस समूचे क्षेत्र को कानून सम्मत बनाने और यहां शांति व समृद्धि लाने के जिस रास्ते पर चलने का वादा इन देशों ने किया है, वह चीन के मौजूदा रवैये से पूरी तरह भिन्न है।
क्वाड का व्यापक एजेंडा
- एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों को मिलेंगी 1.2 अरब वैक्सीन
- वर्ष 2022 के अंत तक भारत में बनेंगी एक अरब वैक्सीन
- वैश्विक महामारी रडार बनाने की पहल ताकि पहले हो सकें सतर्क
- पूरे क्षेत्र में ढांचागत विकास के लिए समन्वय समूह का गठन
- साफ व स्वच्छ ईंधन व पर्यावरण सुरक्षा के लिए कई उपायों की घोषणा
- सदस्य देशों की जनता के बीच बेहतर संपर्क व समझबूझ के लिए उपाय
- 5जी, सेमी-कंडक्टर समेत दूसरी अत्याधुनिक तकनीक पर साझा उठेंगे कदम
चीन के लिए राह बहुत ही मुश्किल
चाहे देशों के हिसाब से ढांचागत विकास करने की बात हो या 5जी व दूसरी अत्याधुनिक तकनीक को सुरक्षित बनाने के लिए संयुक्त अभियान की बात हो, क्वाड का संकेत साफ है कि चीन के लिए राह बहुत ही मुश्किल है। सबसे अहम संकेत यह है कि क्वाड एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण से काम करेगा और भविष्य में इसके फलक का विस्तार हिंद-प्रशांत क्षेत्र से बाहर भी होगा।
ये भारतीय दिग्गज रहे मौजूद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन के नेतृत्व में पहली क्वाड शिखर बैठक हुई। फरवरी, 2021 में इन नेताओं की पहली वर्चुअल बैठक हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी के साथ भारतीय दल में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला, अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत ¨सह सिद्धू प्रमुख तौर पर थे।
(स्रोत: दैनिक जागरण)
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