वर्ष 2023 के अंत तक श्रद्धालुओं के ‘दर्शन’ के लिए राम मंदिर खुल जाएगा : सूत्र
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि पूरा मंदिर परिसर वर्ष 2025 तक तैयार हो पाएगा। वृहद परियोजना की जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि मुख्य मंदिर तीन मंजिला होगा जिसमें पांच मंडप होंगे।
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा का दशकों पुराना वादा था। माना जाता है कि भगवान राम का जन्म उसी स्थान पर हुआ था।
सूत्रों ने बताया कि मंदिर की लंबाई 360 फुट, चौड़ाई 235 फुट और प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फुट होगी। उन्होंने बताया, ‘‘मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति योजना के तहत हो रही है और अनुमान है कि वर्ष 2023 के अंत तक भक्त मंदिर में भगवान राम लला के दर्शन कर सकेंगे।’’
मंदिर निर्माण का समय राजनीतिक रूप से मायने रखता है क्योंकि अगला लोकसभा चुनाव वर्ष 2024 के पहले पूर्वाध में होने वाला हैं। अगर कार्य योजना के तहत होता है तो सत्तारूढ़ भाजपा को चुनाव से पहले प्रचार का एक और मुद्दा मिल जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि मंदिर के भूतल पर 160 खंभे, पहले तल पर 132 खंभे और दूसरे तल पर 74 खंभे होंगे। मंदिर के गर्भगृह पर बनने वाले शिखर की ऊंचाई जमीन से 161 फंट होगी जिसे राजस्थान से लाए गए पत्थरों और संगमरर से बनाया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि तीन दशकों में हुए बदलाव और जन अकांक्षा के अनुकूल बदलाव कर मंदिर के डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए पांच फरवरी 2020 को ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ बनाने की घोषणा की थी।
(स्रोत: नवभारत टाइम्स)
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