नोट भरे बेड, सोने की खान, अरबों के फ्लैट ..काले कारनामों की काली फेहरिस्त
मध्य प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों की काली कमाई पर रोक लगाना असम्भव सा प्रतीत हो रहा है।
पिछले कुछ महीनों में ही आधा दर्जन से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें भ्रष्ट अधिकारियों के यहां छापेमारी में
उनकी आय से कई गुणा अधिक संपत्ति की जानकारी मिली है।
पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर के पास अकूत संपत्ति
ईओडब्ल्यू की टीम ने ग्वालियर के डीबी सिटी में रहने वाले पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर रविंद्र सिंह कुशवाह के घर छापेमारी की जिसमें अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ है। इंजीनियर के ग्वालियर स्थित बंगले की कीमत चार करोड़ रुपये है। इसके साथ ही भोपाल और ग्वालियर में फ्लैट भी हैं। शुरुआती जांच में साढ़े तीन लाख रुपये नगदी, करीब 250 ग्राम सोने के जेवरात, पांच किलो चांदी और बड़ी मात्रा में प्रॉपर्टी के कागजात मिले।
भोपाल में एफसीआई का करोड़पति क्लर्क
मई, 2021 में एफसीआई में घूसखोरी कांड की शिकायत पर सीबीआई ने भोपाल में क्लर्क के घर छापा मार कर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया था। क्लर्क किशोर मीणा ने अपने घर में लॉकर बनवाया था और नोट गिनने की मशीन लगा रखी थी। लॉकर खोलने पर पुलिस को 3.01 करोड़ नगद, 387 ग्राम सोना और 600 ग्राम चांदी मिला था। सीबीआई ने एक निजी सुरक्षा एजेंसी की शिकायत पर यह कार्रवाई की थी।
इसी साल मार्च महीने में बैतूल के एक सरकारी शिक्षक के यहां छापा मारा तो पांच करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का पता चला। प्राइमरी स्कूल में टीचर पंकज श्रीवास्तव को 1998 में नियुक्ति से लेकर अब तक करीब 38 लाख रुपये वेतन मिला, लेकिन छापे में उसके पास पांच करोड़ से ज्यादा की जमीन, मकान और प्लॉट होने की जानकारी सामने आई।
सतना में 'करोड़पति' निकला सहायक समिति प्रबंधक
फरवरी, 2021 में सतना में ईओडब्ल्यू ने सितपुरा सहायक समिति प्रबंधक के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें करोड़ों रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ था। छापेमारी में 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की चल अचल संपत्ति उजागर हुई थी। सहायक समिति प्रबंधक राजमणि मिश्रा के आवास सहित कई ठिकानों में छापा मारकर ₹3 लाख नगद, 4 घर और कई एकड़ खेती की जमीन के दस्तावेज और वाहन ईओडब्ल्यू ने बरामद किए थे।
(स्रोत : नवभारत टाइम्स)
No comments:
Post a Comment