Global Warming Impact: बर्फीले साइबेरिया को 48°C पर हीटवेव ने उबाला! मॉस्को में टूटा 120 साल का रेकॉर्ड
साइबेरिया : बर्फीले साइबेरिया में रेकॉर्डतोड़ हीटवेव देखकर वैज्ञानिक हैरान रह गए हैं। पिछले हफ्ते आर्कटिक क्षेत्र में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यूरोपियन यूनियन के अर्थ ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम (Copernicus) की तस्वीरों में पता चला कि रविवार को साइबेरिया में तापमान कई जगहों पर 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा। यहां काफी वक्त से लगातार हीटवेव बनी हुई है।
सबसे ठंडी जगह भी उबली
सास्किलाया नाम के छोटे से गांव में तापमान 31.9 डिग्री सेल्सियस रहा जो 1936 के बाद से सबसे ज्यादा है। वहीं, वर्खोयांस्क में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया जो तापमान नापने की शुरुआत के बाद से सबसे ज्यादा है। यह धरती पर सबसे ठंडी जगह है और यहां तापमान -67.8 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। जोवोरोवो में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रहा। इस क्षेत्र में आमतौर पर तापमान जून के महीने में दिन में 16 डिग्री सेल्सियस रहता है।
जंगलों में लगी आग
ऐसे में बढ़ते तापमान से यहां रहने वाले लोगों और वैज्ञानिकों को चिंता होने लगी है। यहां वाइल्डफायर तेज हो रही हैं और परमाफ्रॉस्ट (बर्फ की स्थायी परत) पिघल रहा है। इसके पिघलने से कार्बन और ग्रीनहाउस गैसें वायुमंडल में उत्सर्जित होती हैं जिससे और ज्यादा वॉर्मिंग होती है। साइबेरिया के क्षेत्रों में गर्म और सूखा मौसम चिंता का कारण बन गया है।
मॉस्को में भी टूटा रेकॉर्ड
द बैरंट्स ऑब्जर्वर के मुताबिक मंगलवार के याकुटिया क्षेत्र में 64 ऐक्टिव आग की घटनाएं थीं। यहां के गवर्नर आइसेन निकोलेव ने कहा है कि हीटवेव की वजह से जंगलों में आग लग रही है। साइबेरिया के जंगलों में अप्रैल से लग रही आग इतनी भयावह हैं कि NASA ने अंतरिक्ष से इन्हें देखा है। व
हीं, रूस की राजधानी में भी हीटवेव ने रेकॉर्ड तोड़ दिया। यहां तापमान 120 साल में सबसे ज्यादा 34.7 डिग्री सेल्सियस रहा।
(स्रोत : नवभारत टाइम्स)
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