वैज्ञानिकों ने बनाया ऑटोमैटिक उपकरणों के वाइब्रेशन से बिजली पैदा करने वाला नैनोजनरेटर
नई दिल्ली : वैज्ञानिकों ने एक सरल, किफायती, जैव-संगत, पारदर्शी नैनोजेनरेटर का निर्माण किया है जो ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स, स्व-चालित उपकरणों और अन्य बायोमेडिकल ऐप्लीकेशनों में उपयोग के लिए चारों तरफ के वाइब्रेशन (कंपन) से बिजली पैदा कर सकता हैं। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और ऊर्जा संकट के बढ़ते खतरे के कारण कम कार्बन उत्सर्जन के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों की खोज वर्तमान की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
बिजली पैदा किए जाने की कुछ गैर पारंपरिक पद्धतियों में पाइजोइलेक्ट्रिक, थर्मोइलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रोस्टैटिक तकनीक शामिल हैं जिसका उपयोग टच स्क्रीन, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले आदि जैसे उपकरणों में किया जाता है।
मंत्रालय ने कहा कि ट्राइबोइलेक्ट्रिक नैनो जेनेरेटर (टीईएनजी) बिजली पैदा करने के लिए विभिन्न रूपों में हर जगह पाए जाने वाले वाइब्रेशन के रूप में यांत्रिक ऊर्जा का उपयोग करता है। ऊर्जा संचय करने वाला टीईएनजी दो असमान सामग्रियों के तात्कालिक भौतिक संपर्क के माध्यम से इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज के निर्माण के सिद्धांत पर काम करता है।
(स्रोत : नवभारत टाइम्स)
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