बिहार: अस्पताल से घर जाकर मृत हो गया जिंदा, स्वास्थ्य विभाग नहीं माना तो खुद पहुंचा हॉस्पिटल
शेखपुरा: बिहार के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की पोल खोलती एक बड़ी खबर सोमवार को सामने आई है। अब विभाग जिंदा को मरा घोषित करने में लगा है। शेखपुरा जिले के सदर प्रखंड के धर्मपुर गांव निवासी अरविंद कुमार को राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को भेजे गई मृतकों की सूची में मरा घोषित कर दिया गया।
राज्य स्वास्थ्य समिति की इस लापरवाही से जिला स्वास्थ्य समिति में हड़कंप मच गया है। मृत घोषित किए गए अरविंद कुमार ने खुद अस्पताल पहुंचकर अपने जिंदा होने का सुबूत देने की बात कही है।
अस्पताल आकर करें संपर्क
मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमित होने के बाद अरविंद कुमार पावापुरी मेडिकल कॉलेज में 31 अप्रैल को भर्ती हुए थे। स्वस्थ होने के बाद उन्हें नौ जून को डिस्चार्च कर दिया गया। इस संबंध में अरविंद ने बताया कि उनके मोबाइल पर रविवार को कॉल गया और बताया गया कि सदर अस्पताल से बोल रहे हैं। कोविड-19 से अरविंद कुमार का निधन हो गया है। उनके परिवार के लोग अस्पताल आकर संपर्क कर लें, ताकि मुआवजा इत्यादि की सरकारी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके।
मैं अरविंद हूं और जीवित हूं
इस पर अरविंद कुमार ने कॉल करने वालों को बताया कि वह स्वयं अरविंद कुमार हैं और वह जीवित हैं। उनका निधन नहीं हुआ है। इसपर अरविंद को अस्पताल बुलाया गया। अरविंद कुमार स्वयं अस्पताल में उपस्थित होकर खुद को जीवित बताया। उधर, इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. मुरारी प्रसाद सिंह ने बताया कि जिले से कोविड-19 से 27 मृतकों की सूची राज्य सरकार को भेजी गई है, जिसमें अरविंद कुमार का नाम नहीं है।
सूत्रों से मिली जानकारी में यह बताया गया कि राज्य सरकार के द्वारा पावापुरी मेडिकल अस्पताल सहित पटना के विभिन्न मेडिकल अस्पतालों में कोविड-19 से मृतकों के 33 लोगों की सूची जिला में भेजी गई है, जिसमें पावापुरी मेडिकल अस्पताल में अरविंद के मृत होने की बात कही गई है।
(स्रोत : दैनिक जागरण)
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