अमेरिका को आंखें दिखाता पाकिस्तान:विदेश मंत्री कुरैशी बोले- इमरान कभी US को यहां मिलिट्री बेस नहीं देंगे, अमेरिका का हैंगओवर अब खत्म होना चाहिए
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने साफ कर दिया है कि इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते अमेरिका को मुल्क में कोई मिलिट्री या एयरबेस नहीं दिया जाएगा। कुरैशी ने इमरान पर बयान मंगलवार को संसद में, जबकि अमेरिका का जिक्र एक इंटरव्यू में किया।
कुरैशी ने अमेरिका को नसीहत देते हुए कहा कि उसे पुराने हैंगओवर से उबर जाना चाहिए। कुरैशी का इशारा 2001 के बाद पाकिस्तान की धरती से अफगानिस्तान में होने वाले ड्रोन और मिसाइल हमलों की तरफ था। इस दौर में अमेरिका ने पाकिस्तान के कबायली इलाकों में मौजूद तालिबान के अड्डों को भी सैकड़ों बार निशाना बनाया था और इसमें कई आम नागरिक भी मारे गए थे।
कुरैशी के बयान की वजह क्या
पिछले हफ्ते पेंटागन अधिकारी और हिंद महासागर की सुरक्षा के स्पेशल सेक्रेटरी डेविड हाल्वे ने सीनेट की एक ब्रीफिंग में कहा था- पाकिस्तान पहले की तरह अपने एयरबेस और एयर स्पेस हमारी सेनाओं को देता रहेगा। जैसे ही यह खबर पाकिस्तान पहुंची तो बवाल मच गया। सरकार से जवाब मांगा जाने लगा। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने कहा- अमेरिका से इस तरह का कोई समझौता नहीं हुआ। अब कुरैशी ने भी तल्ख अंदाज में इन रिपोर्ट्स पर जवाब दिया है।
क्या कहा कुरैशी ने
जापान के एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कुरैशी ने कहा- पाकिस्तान की प्रायोरिटीज अब बदल चुकी हैं। अमेरिका को हैंगओवर से बाहर आना चाहिए और पाकिस्तान को अफगानिस्तान के चश्मे से देखना बंद करना चाहिए। हम विकास और अपने लोगों की बेहतरी पर फोकस करना चाहते हैं। ये बातें हम अमेरिका को भी बता चुके हैं। यह नया पाकिस्तान है।
अमेरिका और चीन के बारे में पूछे एक सवाल पर कुरैशी ने तल्ख लहजे में कहा- हमने अमेरिका को बता दिया कि अगर आप यहां से जाएंगे तो कोई और आएगा। क्योंकि, अमेरिका तो पाकिस्तान में इन्वेस्टमेंट नहीं कर रहा, न वो हमारा साथ दे रहा। फिर कैसे आपसी रिश्ते सुधरेंगे। वो हमेशा अफगानिस्तान की रट लगाते हैं, हमारे आपसी रिश्तों की बात से क्यों दूर रहते हैं।
संसद में क्या कहा
कुरैशी ने मंगलवार को संसद में इजराइल-फिलीस्तीन मामले पर बयान दिया। इसी में अमेरिका को मिलिट्री और एयरबेस देने का भी जिक्र किया। कहा- इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते अमेरिका को कोई मिलिट्री या एयरबेस नहीं दिया जाएगा। हमारा देश सुरक्षित हाथों में है।
अफगानिस्तान का मामला अलग
एक सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा- भारत से अमेरिका के रिश्ते नए और अब बेहद मजबूत हैं। लेकिन, अफगानिस्तान का मामला अलग है। इसीलिए, हम कहते हैं कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान के प्रिज्म से नहीं देखा जाना चाहिए। हमारी स्ट्रैटेजिक लोकेशन अहम है। 20 करोड़ लोग यहां रहते हैं। हम OIC के मेंबर हैं और एटमी ताकत हैं। अमेरिका को हमारी जरूरत है।
(स्रोत : दैनिक भास्कर)
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