PM केयर्स के खराब वेंटिलेटर का मामला:बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार; जज बोले- सरकार को मरीजाें की जान से ज्यादा निर्माता का बचाव करने की फिक्र
पीएम केयर्स फंड से प्राप्त वेंटिलेटर्स के खराब और अनुपयोगी निकलने के मामले में बाॅम्बे हाईकाेर्ट ने शुक्रवार काे केंद्र काे फटकारा। हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच के जस्टिस रवींद्र घुघे और बीयू देबडवार ने कहा, ‘केंद्र काे मरीजाें की जान से ज्यादा खराब वेंटिलेटर के निर्माता (ज्याेति सीएनसी) का बचाव करने की फिक्र है।’
बेंच ने कहा, ‘दाेषाराेपण से बचा जाना चाहिए था। मरीजाें के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। केंद्र सरकार काे चिकित्सा विशेषज्ञाें की रिपोर्ट का सम्मान करना चाहिए, जिन्हाेंने कहा है कि वेंटिलेटर खराब हैं। इनकाे सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।’
अदालत केंद्र के इस बयान पर टिप्पणी कर रही थी कि डाॅक्टर और स्वास्थ्य कार्यकर्ता वेंटिलेटराें का काम करने के लिए समुचित प्रशिक्षित नहीं हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के हलफनामे में इस बात का उल्लेख है। इससे पहले हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर पिछली सुनवाई में पीएम केयर्स फंड से प्राप्त निष्क्रिय वेंटिलेटर काे लेकर स्थिति काे गंभीर बताया था। केंद्र से जरूरी कार्रवाई के बारे में सवाल किया था।
पीएम केयर्स फंड से नहीं, मेक-इन इंडिया के वेंटिलेटर सप्लाई हुए: केंद्र का हलफनामा
केंद्र की ओर से दाखिल हलफनामे में अदालत को बताया गया कि 150 वेंटिलेटर ‘मेक इन इंडिया’ के माध्यम से सप्लाई किए गए थे, पीएम केयर्स फंड से नहीं। वेंटिलेटर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा खरीदे गए। गुजरात के राजकाेट की कंपनी ज्याेति सीएनसी द्वारा निर्मित वेंटिलेटर अंतरराष्ट्रीय मानकाें पर टेस्ट किए गए हैं। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने अदालत को बताया था कि केंद्र द्वारा पीएम केयर्स फंड के माध्यम से भेजे गए 150 वेंटिलेटर में से 113 खराब पाए गए हैं। जबकि 37 काे खाेला जाना अभी बाकी है।
( स्रोत : दैनिक भास्कर)
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