Thursday, 20 May 2021

बैठे करें कोरोना टेस्ट; ICMR ने होम टेस्ट किट को दी मंजूरी, जानिए इसके फायदे-नुकसान

बैठे करें कोरोना टेस्ट; ICMR ने होम टेस्ट किट को दी मंजूरी, जानिए इसके फायदे-नुकसान

      इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना की होम टेस्टिंग किट को इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। इस किट की मदद से आप घर पर बैठे-बैठे ही कोरोना टेस्ट कर सकते हैं। ICMR ने कोविसेल्फ नाम की टेस्टिंग किट को अप्रूव किया है, जिसे पुणे की कंपनी मायलैब ने बनाया है।

    इस तरह की किट कई देशों में पहले से इस्तेमाल हो रही है। अमेरिका के ड्रग रेगुलेटर- फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (US-FDA) ने नवंबर 2020 में होम टेस्टिंग किट को मंजूरी दी थी। उस समय वहां कोरोना इन्फेक्शन के केस धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहे थे। ऐसे में सरकार चाहती थी कि हेल्थ सिस्टम पर बोझ न बढ़े और लोगों को घरों में रहकर ही टेस्ट की सुविधा मिले।

     भारत में भी होम टेस्टिंग किट को मंजूरी देने की मांग उठ रही थी। आखिरकार, ICMR ने होम टेस्टिंग किट को मंजूरी दे दी है। आइए जानते है ये टेस्ट किट क्या है? इसके क्या फायदे हैं? भारत में इनका इस्तेमाल कोरोना को रोकने में कैसे मददगार साबित हो सकता है...

क्या है होम टेस्टिंग किट?

    अभी आपको कोरोना टेस्ट करवाने के लिए रैपिड एंटीजन या RT-PCR या इसी तरह के दूसरे टेस्ट करवाने होते है। इन सभी टेस्ट के लिए मेडिकल एक्सपर्ट और लैब की जरूरत होती है। कोरोना की होम टेस्ट किट आसान विकल्प है। ये प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की तरह है। आप बस सैंपल डालकर कोरोना टेस्ट कर सकते हैं। इन टेस्ट किट के जरिए कोई भी व्यक्ति बिना किसी लैब या मेडिकल एक्सपर्ट की मदद के घर पर ही कोरोना टेस्ट कर सकता है।अगर आपका रिजल्ट पॉजिटिव आया है तो आपको कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। अगर निगेटिव आया है तो आपको RT-PCR टेस्ट करवाना होगा।

यह किट कैसे काम करती है?

      ये टेस्ट किट लेटरल फ्लो टेस्ट पर काम करती है। आप अपनी नाक से लिए गए सैंपल को ट्यूब में डालते है। इस ट्यूब में पहले से एक लिक्विड भरा होता है। इस ट्यूब को किट के अंदर डाला जाता है जहां लिक्विड को सोखने वाला एक पैड लगा होता है। इस पैड से होकर ये लिक्विड एक पट्टी पर जाता है जहां पहले से ही कोरोनावायरस के स्पाइक प्रोटीन को पहचानने वाली एंटीबॉडी मौजूद होती है। अगर आप कोरोनावायरस से संक्रमित हैं तो ये एंटीबॉडी एक्टिवेट हो जाती हैं और किट आपका टेस्ट पॉजिटिव दिखा देती है। किट पर एक डिस्प्ले होता है जहां रिपोर्ट का रिजल्ट दिख जाता है। रिपोर्ट आपके ईमेल या टेस्ट किट बनाने वाली कंपनी की ऐप पर भी देखी जा सकती है।

इस किट का इस्तेमाल आप कैसे कर सकते है?

  •      ICMR ने इस किट का इस्तेमाल केवल उन्हीं लोगों को करने की सलाह दी गई है जिन्हें कोविड के लक्षण हो या फिर कोविड से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हो।
  •      आपको नजदीकी मेडिकल स्टोर या ऑनलाइन ये टेस्ट किट खरीदनी होगी। टेस्ट किट खरीदने के बाद आपको अपने मोबाइल में किट से संबंधित ऐप डाउनलोड करनी होगी। आपने जिस कंपनी की किट खरीदी है उसका ऐप आपको गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से डाउनलोड करना होगा।
  •      टेस्ट करने का पूरा तरीका ऐप में या टेस्ट किट में आपको बताया जाएगा। ऐप में आप वीडियो या फोटो के जरिए भी तरीका समझ सकते हैं। टेस्ट करने के बाद आपको किट का फोटो उसी मोबाइल से खींचना होगा जिसमें आपने ऐप इंस्टॉल की है।
  •     ये ऐप कोरोना टेस्टिंग के सेंट्रल पोर्टल से जुड़ी होगी। आपके टेस्ट का जो भी रिजल्ट होगा, वह सीधा पोर्टल में अपडेट हो जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान आपकी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखा जाएगा। आपके मोबाइल नंबर, टेस्ट रिजल्ट जैसी जानकारी किसी के साथ शेयर नहीं की जाएगी।
  •      अगर आपका रिजल्ट पॉजिटिव आया है तो आपको कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा अगर निगेटिव आया है तो आपको RT-PCR टेस्ट करवाना होगा।

टेस्ट करने का पूरा तरीका

  •     सबसे पहले अपने फोन में ऐप डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन कर लें।
  •      हाथों को अच्छे से सैनेटाइज करने के बाद सुखा लें। आप जिस जगह पर टेस्ट करने वाले हैं उसे भी अच्छे से सैनिटाइज कर लें।
  •      अब टेस्ट किट खोलें। किट में एक इंस्ट्रक्शन गाइड, स्वाब लेने के लिए स्टिक, एक एक्सट्रैक्शन ट्यूब, एक टेस्ट कार्ड और टेस्ट होने के बाद सभी चीजों को डिस्पोज करने के लिए एक डिस्पोज बैग होगा।
  •     एक्सट्रैक्शन ट्यूब में पहले से भरे लिक्विड को ट्यूब के निचले हिस्से में ले आए। दरअसल किट के ट्रांसपोर्टेशन के दौरान ट्यूब का लिक्विड फैल सकता है, इससे आपके टेस्ट रिजल्ट पर भी असर पड़ सकता है।
  •     अब स्वाब स्टिक को खोलें और प्लास्टिक के सिरे से पकड़ते हुए नाक के दोनों छेद में 5-5 बार डाले। ध्यान रहें कि स्टिक को ज्यादा अंदर न डालें। 2-4 सेंटीमीटर काफी है।
  •     अब स्वाब को एक्सट्रैक्शन ट्यूब में डालें। ध्यान रखें कि ट्यूब में पहले से जो लिक्विड मौजूद है स्वाब उसमें पूरी तरह से डूब जाए।
  •      स्वाब स्टिक में एक नरम जगह होगी, स्टिक को वहां से तोड़ दें और एक्सट्रैक्शन ट्यूब का ढक्कन बंद कर दें।
  •      एक्सट्रैक्शन ट्यूब को अच्छी तरह से हिलाकर, लिक्विड की 2 बूंदें टेस्ट कार्ड पर डाले। टेस्ट कार्ड प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की तरह होगा। अब 15-20 मिनट इंतजार करें।
  •        टेस्ट कार्ड का फोटो एप के जरिए खींच ले। टेस्ट कार्ड पर एक छोटा डिस्प्ले होगा, जिसके पास C और T लिखा होगा। अगर C के सामने लाल कलर की लाइन आ रही है इसका मतलब आपका टेस्ट निगेटिव है।
  •      अगर C और T दोनों के सामने लाल कलर की लाइन आ रही है तो आपका टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव है। अगर C के सामने कोई भी लाइन नजर नहीं आ रही है तो आपका टेस्ट अमान्य है। आपको दोबारा टेस्ट करना होगा।
  •     अब किट की सभी चीजों को डिस्पोजल बैग में डालकर किसी सुरक्षित जगह पर डिस्पोज कर दें।

किट मार्केट में कब तक उपलब्ध होगी?

     मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगले एक हफ्ते में यह किट मार्केट में उपलब्ध हो सकती है। एक किट की कीमत 250 रुपये होगी। किट खरीदने के लिए आपको डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी। यानी आपको लगता है कि आपमें कोरोना के लक्षण हैं तो आप खुद से ही किट खरीदकर टेस्ट कर सकते हैं।

इन किट के नतीजे कितने सटीक है?

      लैब में किए गए टेस्ट की तुलना में होम टेस्ट किट के रिजल्ट की एक्यूरेसी 70-80% होती है। गलत तरीके से सैंपल लेना, संक्रमित होने के 1-2 दिन के अंदर ही टेस्ट कराने से भी रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों टेस्ट को करने का तरीका भले ही एक-सा हो लेकिन रिजल्ट में एक्यूरेसी का फर्क ज्यादा है।

भारत के लिए इस तरह की टेस्ट किट जरूरी क्यों है?

    फिलहाल एक्टिव केसेस के लिहाज से भारत अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। कोरोना की दूसरी लहर ने अस्पतालों में बेड से लेकर ऑक्सीजन तक की किल्लत पैदा कर दी है। सरकार का फोकस ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर भी है जिससे संक्रमितों की सही संख्या सामने आ सके। इस तरह की होम टेस्ट किट से टेस्टिंग बढ़ेगी ही साथ ही टेस्ट सेंटरों पर दबाव भी कम होगा। फिलहाल जो मेडिकल एक्सपर्ट कोरोना की टेस्टिंग में लगे हैं उनकी सेवाएं दूसरी जगह ली जा सकेगी।

(स्रोत : दैनिक भास्कर)

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