आयुर्वेद की मदद से फेफड़े हो जाएंगे पहले जैसे स्वस्थ, कोरोना के बाद की दिक्कतों का पटना में होगा इलाज
यह जानकारी प्राचार्य डॉ. दीनेश्वर प्रसाद ने दी। उन्होंने कहा कि संक्रमितों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी लोगों में सांस कठिनाई, कमजोरी, सूखी खांसी, चक्कर, घबराहट, मुंह सूखना, भूख नहीं लगना, नींद नहीं आना, आंखों में लाली, सुगंध व स्वाद की कमी समेत अन्य शारीरिक व मानसिक समस्याएं हो रही हैं। कोविड के कारण क्षतिग्रस्त फेफड़ों को एलोपैथी से दोबारा स्वस्थ नहीं किया जा सकता है। वहीं, आयुर्वेद व योग को क्षतिग्रस्त फेफड़ों व अन्य अंगों को दोबारा स्वस्थ करने के लिए उत्तम चिकित्सा पद्धति माना जाता है।
योग और प्राणायम के अभ्यास से जल्द होगी रिकवरी
पंचकर्म, क्रियाकल्प, मर्म चिकित्सा एवं अग्निकर्म और क्षारसूत्र से पोस्ट कोविड रोगियों की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा योग एवं प्राणायाम से पुनः स्वस्थ होने का समय (Recovery Period) को काफी घटा देता है। पोस्ट कोविड मरीजों के उपचार की सभी व्यवस्था कर दी गई है। पंचकर्म, काय चिकित्सा, शालाक्य, स्वस्थ्यवृत एवं योग, बालरोग, शल्य एवं स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागों के विशेषज्ञ इन मरीजों का उपचार करेंगे।
सुबह साढ़े आठ से डेढ़ बजे तक होगा इलाज
प्राचार्य ने बताया कि हर दिन सुबह साढ़े आठ से डेढ़ बजे दोपहर तक पोस्ट कोविड रोगियों का उपचार किया जाएगा। जरूरत होने पर रोगियों को भर्ती कर भी उपचार किया जाएगा। जिन लोगों की रिपोर्ट निगेटिव है लेकिन उनमें कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण हैं, उनका भी उपचार किया जा रहा है। इसके अलावा 45 वर्ष से अधिक लोगों का कोरोना टीकाकरण भी किया जा रहा है। अस्पताल में चिकित्सकों अथवा कर्मियों की अनुपस्थिति, लापरवाही, सेवा में कोताही होने पर प्राचार्य से मोबाइल नंबर 9470019814 पर शिकायत कर सकते हैं।
इन समस्याओं का होगा निदान
सांस में कठिनाई, कमजोरी, सूखी खांसी, चक्कर, घबराहट, मुंह सूखना, भूख नहीं लगना, नींद नहीं आना, आंखों में लाली, सुगंध व स्वाद की कमी समेत अन्य समस्याओं का होगा निदान।
(स्रोत दैनिक जागरण)
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