Monday, 10 May 2021

सांसों के ठग गिरफ्तार:पटना में बैठकर दिल्ली में ऑक्सीजन की होम डिलीवरी का करते थे सौदा, पैसा एकाउंट में आते ही ऑफ कर लेते थे मोबाइल

सांसों के ठग गिरफ्तार:पटना में बैठकर दिल्ली में ऑक्सीजन की होम डिलीवरी का करते थे सौदा, पैसा एकाउंट में आते ही ऑफ कर लेते थे मोबाइल


    बिहार की आर्थिक अपराधा शाखा (EOU) और दिल्ली से आई पुलिस की टीम ने मिलकर पटना में दानापुर इलाके में छापेमारी कर दो साइबर क्रिमिनल्स को पकड़ा है। पटना में बैठकर ये दोनों शातिर दिल्ली के लोगों को ऑक्सीजन गैस और सिलेंडर की होम डिलीवरी कराने के नाम पर ठग रहे थे।

     इसमें एक का नाम किशन कुमार और दूसरे का नाम समीर खान है। ये दोनों तकियापर इलाके के रहने वाले हैं और वहीं से इन्हें पकड़ा गया है। इन शातिरों का यह गोरखधंधा अप्रैल महीने से ही चल रहा था। अब तक 5 लाख से भी अधिक रुपए दोनों शातिरों ने मिलकर दिल्ली के लोगों से ठग लिए हैं। रुपए देने के बाद भी इन लोगों ने कोरोना से संक्रमित मरीजों या उनके परिवार वालों को ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराई थी। जिसके बाद इस मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस से की गई थी।

    23 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक स्पेशल केस 114/21 दर्ज किया था। इसके बाद मामले की जांच शुरू की। फिर जैसे ही लीड मिले, वैसे ही दिल्ली साइबर सेल के ज्वाइंट कमिश्नर ने बिहार में EOU के ADG नैयर हसनैन खान से कांटैक्ट किया। तब जाकर दिल्ली पुलिस की टीम पटना आई।

     रविवार देर रात दानापुर में ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत छापेमारी हुई और किशन व समीर को पकड़ा गया। इन दोनों के पास से तीन बैंक अकाउंट के पासबुक, एक चेकबुक, तीन ATM कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद हुआ है।

सोशल साइट्स के जरिए चल रहा था ठगी का खेल
     कोरोना की दूसरी लहर में आम आदमी ऑक्सीजन, इसके सिलेंडर, रेमडेसिविर सहित कई दूसरे जरूरी चीजों के लिए परेशान है। यह परेशानी अकेले दिल्ली में ही नहीं, बल्कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में चल रही है। महामारी के इस दौरान में साइबर क्रिमिनल्स अपनी हरकतों से बाज नहीं आए।

    इन लोगों ने सभी प्रकार के सोशल साइट्स पर एक मैसेज पोस्ट कर रखा था कि अगर दिल्ली के इंदिरापुरम या किसी दूसरे इलाके में ऑक्सीजन चाहिए तो दिए गए नंबर पर कांटैक्ट करें। परेशान व्यक्ति बगैर वेरिफाई किए इनके नंबर पर कांटैक्ट करता था। फिर उसे बैंक अकाउंट नंबर देकर ये शातिर रुपए डिपॉजिट करवा लेते थे और ऑक्सीजन देते भी नहीं थे।


(स्रोत: दैनिक भास्कर)

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