Friday, 14 May 2021

नेतन्याहू का माइंड गेम:इजराइल जानता है कि सीजफायर जल्द होगा, लेकिन इससे पहले वह हमास को तबाह कर देना चाहता है

नेतन्याहू का माइंड गेम:इजराइल जानता है कि सीजफायर जल्द होगा, लेकिन इससे पहले वह हमास को तबाह कर देना चाहता है


इजराइल और हमास (इजराइल और पश्चिमी देश इसे फिलीस्तीनी आतंकी संगठन बताते हैं) के बीच जंग जारी है। शुक्रवार रात तक करीब 118 लोग मारे जा चुके हैं। इजराइल में सिर्फ 8 लोगों की मौत हुई, जबकि हमास के कब्जे वाला गाजा पट्टी इलाका मलबे के ढेर में तब्दील हो चला है।

अगर गाजा से इजराइल पर रॉकेट दागे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ इजराइली एयरफोर्स 600 से ज्यादा बार गाजा पट्टी और आसपास के इलाकों में बम गिरा चुकी है। इजराइल का रुख कितना आक्रामक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपने टैंक्स और थल सेना जंग में उतार दी है। हमास और फिलीस्तीन के लिए यह बहुत खतरनाक स्थिती है। अब तक इजराइली थल सेना ने कार्रवाई नहीं की है, लेकिन बहुत जल्द वो इस काम को अंजाम देगी। आखिर इजराइल इतनी जल्दबाजी और आक्रामक मूड में क्यों है? आइए जानते हैं...

पहले खात्मा, फिर बातचीत
आगे बढ़ने से पहले इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के एक बयान पर गौर करना जरूरी है। गुरुवार देर रात उन्होंने कहा- हमास ने बहुत बड़ी गलती कर दी है। इस जुर्रत की उसे बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी। आतंकियों के खात्मे के बाद ही अमन मुमकिन है। इधर, बयान आया, उधर शुक्रवार तड़के इजराइली थल सेना पूरी तैयारी के साथ गाजा पट्टी और फिलीस्तीनी सीमा के पास जुट गई।

इजराइल की रणनीति क्या
इस बारे में कोई दो राय नहीं हो सकती कि इजराइल सैन्य रूप से महाशक्ति है। अमेरिका और पूरा वेस्टर्न वर्ल्ड उसके साथ है। अमेरिका और इजराइल के बीच टॉप लेवल पर बातचीत भी जारी है। हमास ने कई साल बाद इजराइल पर इतना बड़ा हमला किया है, लिहाजा इजराइल उसे बख्शने के मूड में कतई नहीं है।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल बहुत अच्छे से जानता है कि दोनों पक्षों में सीजफायर कराने के लिए दुनिया के बड़े देश एक्टिव हो चुके हैं। और वो दिन ज्यादा दूर नहीं, जब सीजफायर हो जाएगा। इसके पहले इजराइल हमास की कमर तोड़ देना चाहता है, ताकि वो भविष्य में सिर न उठा सके। यही वजह है कि इजराइली थल सेना भी हमले के लिए तैयार है।

कौन कराएगा अमन बहाली
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और इजिप्ट यानी मिस्र की सरकारें सीजफायर कराने के लिए एक्टिव हो चुकी हैं। फिलहाल, इनके डिप्लोमैट्स सीजफायर की शर्तों का खाका खींचने के लिए मीटिंग्स कर रहे हैं। लेकिन, इजराइल इस मौके को भुना लेना चाहता है। वो सीजफायर के पहले हमास को तबाह और नेस्तनाबूद करना चाहता है।

फिलीस्तीन सरकार और हमास के बीच रणनीति को लेकर गंभीर मतभेद हैं। फिलीस्तीन सरकार हमास के दबाव में है। राष्ट्रपति महमूद अब्बास जानते हैं कि हमास उनके लिए भी चुनौती है। हमास ताकत के बल पर इजराइल से अपने इलाके वापस लेना चाहता है। अब्बास चुपचाप सब देख रहे हैं।

बाइडेन भी इजराइल के साथ
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को नेतन्याहू से बातचीत की। बाद में कहा- इजराइल को अपनी हिफाजत का पूरा हक है। इसके चंद घंटे बाद बाइडेन ने अरब-इजराइल मामलों के डिप्टी सेक्रेटरी हैडी एम्र को इजिप्ट के साथ मिलकर सीजफायर कराने की कमान सौंप दी। इन्हें कुछ चाहिए होंगे। इसके पहले इजराइल सिर्फ गाजा पट्टी ही नहीं, बल्कि फिलीस्तीन के बड़े हिस्से को धूल में मिला चुका होगा। आम फिलीस्तीनियों के लिए ये मुश्किल वक्त है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा- हम चाहते हैं कि बातचीत खुले दिमाग से हो। इसके लिए हमें अगले हफ्ते का इंतजार करना होगा। डिप्लोमैसी के लिए समय मिलना चाहिए। इसके मायने बिल्कुल साफ हैं कि इजराइल अब ज्यादा तेज और खतरनाक तरीके से हमास के खिलाफ हमले करेगा।

(स्रोत : दैनिक भास्कर)

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