कोरोना काल में केंद्र ने सामान की सरकारी खरीद से जुड़े नियम बदले,
मेक इन इंडिया को प्राथमिकता की शर्त हटाई
केंद्र सरकार ने कोविड से लड़ाई में अहम फैसला लिया है। केंद्र ने कोविड के इलाज से जुड़े सामान की सरकारी खरीदारी के नियमों में बदलाव किया है। सरकार ने सामान की खरीदारी में मेक इन इंडिया को प्राथमिकता देने की शर्त में छूट दी है। यह छूट 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी।
वाणिज्य मंत्रालय ने जारी किया आदेश
इस संबंध में वाणिज्य मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी सामान की आपूर्ति के लिए सरकारी खरीद से जुड़े नियमों में छूट दी गई है। मंत्रालय ने कहा है कि सरकारी खरीदारी में मेक इन इंडिया को प्राथमिकता का नियम लागू नहीं होगा।
2017 में लागू हुआ था मेक इन इंडिया को प्राथमिकता का नियम
केंद्र सरकार ने 15 जून 2017 को सरकारी खरीद से जुड़े नए नियम जारी किए थे। इसमें सरकारी खरीद के लिए मेक इन इंडिया को प्राथमिकता की बात कही गई थी। वस्तुओं और सेवाओं के घरेलू उत्पादन और आमदनी-रोजगार बढ़ाने के मकसद से सरकार ने यह नियम बनाया था। इस नियम का उद्देश्य प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव देकर घरेलू मैन्युफैक्चरर्स को प्रोत्साहित करना था।
क्या कहता है नियम?
- नियम के मुताबिक, सरकारी खरीदारी 50 लाख रुपए से कम है तो संबंधित मंत्रालय या विभाग को स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को प्राथमिकता देनी होगी।
- यदि सरकारी खरीदारी 50 लाख रुपए से अधिक है तो मंत्रालय या विभाग को 20% खरीदारी स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से करनी होगी।
- 5 लाख रुपए से कम की सरकारी खरीदारी में यह नियम लागू नहीं होगा।
- सभी प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं की सरकारी खरीद में यह नियम लागू होगा।
- केंद्र-राज्य सरकारों के सभी मंत्रालयों और विभागों को इस नियम का पालन करना होगा।
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