कोरोना होने पर हिम्मत रखी, कसरत की और फिर दी कोरोना को मात
अमृतसर : कोरोना वायरस बुरी तरह से फैल रहा है। इसकी दूसरी लहर ने बहुत ज्यादा क्षति पहुंचाई है। इस कारण हर आम और खास लोग डरे हुए हैं। मगर कुछ लोग ऐसे भी जिन्होंने अपने विवेक का उपयोग करते हुए आयुर्वेद, व्यायाम, तथा प्राकृतिक उपायों को अपनाते हुए कोरोना से सफलता पूर्वक लड़ रहे हैं और उस पर विजय पा रहे हैं।
इसके ज्वलन्त हैं, पंजाब के अमृतसर में कार्यरत लैब टेक्नीशियन श्री रजिंदर कुमार , जो कोरोना टेस्टिंग के अपने रूटीन काम करने के दौरान कोरोना से संक्रमित (कोरोना पोजिटिव) हो गए थे और अब कोरोना विजयी बन गये हैं।
परन्तु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि इसके उलट जाकर कोरोना को मात दी। वह लोग हर किसी के लिए उदाहरण है कि अगर कोई संक्रमित हो भी जाता है तो घबराने के बजाय, डटकर सामना किया जाए। यही मानना है लैब टेक्नीशियन वेरका रजिदर कुमार का। रजिदर कुमार वायरस की चपेट में आ गए थे। उन्होंने बताया कि उनकी डयूटी कोविड टेस्ट करने पर लगी हुई थी। इसी दौरान उन्हें भी लक्षण आने शुरु हुए तो टेस्ट करवाना जरूरी समझा। जिसके बाद उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आ गई। रिपोर्ट पाजीटिव आने पर वह घबराए नहीं। बल्कि खुद को क्वारंटाइन कर लिया। करीब 18 दिनों तक खुद को क्वारंटाइन किए रखा।
इस समय दौरान उन्होंने काली मिर्च, लांग, छोटी इलायची, हल्दी और ग्लो का काढ़ा रोजाना सुबह-शाम पीना अपनी रूटीन का हिस्सा बनाया। इसके साथ ही सुबह उठकर कसरत करनी और रस्सी कूदना भी रूटीन में शामिल किया। जिससे शरीर की अच्छे से कसरत भी होती रहे और शरीर भी चुस्त रहे। इसी के साथ ही पाजिटिव होने के चार-पांच दिनों के भीतर ही वह खुद को पहले से फिट लगने लगे। करीब दस दिनों के भीतर वह पूरी तरह से ठीक गए थे। बावजूद इसके 18 दिन तक वह पूरी तरह से अलग रहे। लेकिन सैर और कसरत को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि वायरस की चपेट में आने पर घबराएं या डरे नहीं बल्कि हिम्मत रखें और सरकार की हिदायतों का पालन करें। जीत जरूर मिलेगी।
(आधार : दैनिक जागरण )
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