Friday, 14 May 2021

पाकिस्तान के पास अपनों के लिए पैसे नहीं

अपनों के लिए पैसे नहीं:इमरान के मंत्री बोले- सऊदी जेलों में हमारे 1100 नागरिक पड़े हैं, एक अरब रुपए का जुगाड़ हो जाए तो इन्हें रिहा करा लें


      पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इसी हफ्ते तीन दिन की सऊदी अरब यात्रा से लौटे हैं। पाकिस्तानी मीडिया और विपक्ष इमरान के दौरे को नाकाम और भीख मांगने वाला बता रहा है। इमरान के साथ कई मंत्री भी इस दौरे पर गए थे। इनमें होम मिनिस्टर शेख रशीद भी शामिल थे। इमरान सरकार को उम्मीद थी कि सऊदी सरकार अपनी जेलों में बंद करीब 1100 पाकिस्तानी नागरिकों को रिहा कर देगी। ऐसा नहीं हुआ और ये बात खुद शेख रशीद ने मुल्क वापसी पर कबूल की है।

     रशीद ने एक इंटरव्यू में कहा- सऊदी हमारे कैदियों को रिहा करने को तैयार नहीं है। ये तभी हो सकता है जब हम जुर्माने के एक अरब रुपए सऊदी सरकार को दें।

30 कैदी तो फिर भी नहीं छूट पाएंगे
      रशीद पहले रेल मंत्री थे, बाद में उन्हें होम मिनिस्टर बना दिया गया। एक सवाल के जवाब में रशीद ने कहा- 110 कैदी ऐसे हैं, जिन्हें हम पाकिस्तानी जेलों में शिफ्ट कर सकते हैं। 22 पर ड्रग्स स्मगलिंग और 8 पर मर्डर केस चल रहे हैं। हमने प्रधानमंत्री से गुजारिश की है कि वो एक अरब रुपए का बंदोबस्त कर दें, ताकि हम इन कैदियों को मुल्क वापस ला सकें।

     रशीद ने कहा- ईद के बाद हम कैबिनेट मीटिंग में इसका प्रस्ताव लाएंगे। अगर हम एक अरब रुपए का इंतजाम कर पाए तो अपने उन भाईयों को ला सकते हैं, जो 2005 या 2007 से सऊदी की जेलों में पड़े हैं। इनमें से कुछ कैदियों को पाकिस्तान लाकर नियमों के तहत माफी दी जा सकती है।

आंकड़ों में हेरफेर
     खास बात यह है कि रशीद ने आंकड़ा तो 1100 कैदियों का दिया, लेकिन जुर्माने की राशि बताते हुए सिर्फ 110 कैदियों का जिक्र किया। अब सवाल यह है कि अगर 110 कैदियों का जुर्माना 1 अरब पाकिस्तानी रुपए है तो 1100 कैदियों का कुल जुर्माना कितना होगा। और अगर सरकार एक अरब रुपए का बंदोबस्त नहीं कर पा रही तो 1100 कैदियों की सऊदी से रिहाई कैसे करा पाएगी।

देश में सरकार पर भारी दबाव
      सऊदी अरब यात्रा पर जाने से पहले इमरान और शेख रशीद दोनों ने दावा किया था कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सरकार सद्भावना दिखाते हुए पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर देगी। रिहाई तो दूर इस मामले का जिक्र आधिकारिक बयान में तक नहीं किया गया। दरअसल, इमरान सरकार पर उन कैदियों के परिवारों का भारी दबाव है जिनके परिजन सऊदी जेलों में बंद हैं। इनमें से कई परिवार सियासी और आर्थिक रसूख वाले हैं। लेकिन, वे इसलिए मजबूर हैं क्योंकि रिहाई का काम सरकार और सऊदी में पाकिस्तान एम्बेसी का है।

विदेशी जेलों में कितने पाकिस्तानी
      पाकिस्तान ने 2018 के बाद विदेशी जेलों में बंद अपने नागरिकों के आंकड़े जारी नहीं किए। तीन साल पहले संसद में इन कैदियों की संख्या 11,879 बताई गई थी। इसके बाद नए आंकड़े जारी नहीं किए गए। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले खाड़ी देशों में ही पाकिस्तान के करीब 8 हजार कैदी हैं।

(स्रोत : दैनिक भास्कर)


No comments:

Post a Comment