फजीहत के बीच डैमेज कंट्रोल:महामारी में बिगड़ती केंद्र की छवि चमकाने के लिए पॉजिटिविटी राग, सरकार के साथ भाजपा और संघ भी कूदे
कोरोना की दूसरी लहर में देश के बदतर होते हालात के बीच केंद्र सरकार की देश और विदेश में आलोचना हो रही है। केसों और मौतों के आंकड़े भी बता रहे हैं कि कहीं न कहीं केंद्र फेल हुआ है। मोदी सरकार की छवि को चमकाने के लिए अब सरकारी अमले के साथ-साथ भाजपा और संघ ने भी पॉजिटिविटी राग शुरू किया है। कोशिश ये है कि केंद्र सरकार के कामों को जनता के बीच मजबूत तरीके से रखा जाए। हालांकि, विपक्ष खासतौर से कांग्रेस ने इस पॉजिटिविटी राग की आलोचना की है।
इमेज सुधारने के लिए 3 मोर्चों पर पॉजिटिविटी ड्राइव
1. केंद्र ने अफसरों की वर्कशॉप की, मैसेज देने की ट्रेनिंग कराई
- केंद्र ने पिछले हफ्ते ज्वॉइंट सेक्रेटरी रैंक के अफसरों की एक वर्कशॉप की। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया कि वर्कशॉप में अफसरों को ये बताया गया कि कोरोना संकट में निंदा के बीच किस तरह से सरकार के कामों को मजबूत तरीके से जनता के बीच पहुंचाएं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात का एक ट्विटर हैंडल है, उस पर भी पॉजिटिविटी से जुड़े संदेशों का जिक्र किया जा रहा है।
- कई केंद्रीय मंत्री भी ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने की सरकार की कोशिशों और ऐसे ही दूसरे कामों से जुड़ी स्टोरी और आर्टिकल सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।
नड्डा ने चिट्ठी में कहा- कांग्रेस की करनी से हैरान नहीं हूं, दुखी हूं। एक ओर उनकी पार्टी के कुछ मेंबर्स लोगों की मदद करने का काम कर रहे हैं। दूसरी ओर उनके वरिष्ठ नेताओं की फैलाई नकारात्मकता से ये सराहनीय काम धूमिल हो रहा है।
पिछले महीने ही संघ के राष्ट्रीय महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने देश की जनता से अपील की थी कि विध्वंसकारी और देश विरोधी शक्तियों से सावधान रहें। ये हालात का फायदा उठाकर नकारात्मकता और अविश्वास का माहौल रच सकते हैं।
(स्रोत: दैनिक भास्कर)
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