महामारी पर चौंकाने वाली रिसर्च:AB, B ब्लड ग्रुपवालों और मांसाहारियों को कोरोना से ज्यादा संभलकर रहने की जरूरत, O ब्लड ग्रुप पर असर कम
काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने एक रिसर्च पेपर जारी किया है, इनमें महामारी से जुड़े कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस रिसर्च के मुताबिक, AB और B ब्लड ग्रुप के लोगों को कोविड-19 से ज्यादा संभलकर रहने की जरूरत है। O ब्लड ग्रुप के लोगों पर इस बीमारी का सबसे कम असर हुआ है। इस ब्लड ग्रुप के ज्यादातर मरीज या तो एसिम्प्टोमैटिक हैं या फिर उनमें बेहद हल्के लक्षण देखे गए हैं।
सीरो पॉजिटिव सर्वे के डेटा के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें देश के 10 हजार लोगों से डेटा लिया गया है और इसका 140 डॉक्टर्स की टीम ने विश्लेषण किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकाहारी लोगों की तुलना में मांसाहारियों को कोरोनावायरस संक्रमण होने की आशंका ज्यादा है।
सर्वे पर 3 एक्सपर्ट कमेंट
- इस सर्वे पर एक न्यूज चैनल से बातचीत में आगरा के पैथालॉजिस्ट डॉ. अशोक शर्मा ने कहा कि सबकुछ किसी व्यक्ति के जेनेटिक स्ट्रक्चर पर निर्भर करता है। जैसे थैलेसीमिया से पीड़ित व्यक्ति को शायद ही कभी मलेरिया होता हो। कई उदाहरण ऐसे भी हैं, जिनमें पूरे परिवार को संक्रमण हुआ पर उसी परिवार का एक व्यक्ति इससे बचा रहा। इसकी वजह जेनेटिक स्ट्रक्चर है।
- डॉ. शर्मा कहा कि हो सकता है कि O ब्लड ग्रुप का इम्यून सिस्टम इस वायरस के खिलाफ AB और B ग्रुप वालों से ज्यादा मजबूत हो। हालांकि, अभी इस रिसर्च पर और स्टडी किए जाने की जरूरत है। लेकिन, इस रिसर्च के मायने ये नहीं है कि O ब्लड ग्रुप वालों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन छोड़ देना चाहिए। वो पूरी तरह इस वायरस से इम्यून नहीं हैं और उन्हें भी दिक्कत हो सकती है।
- सीनियर फिजीशियन डॉ. एसके कालरा ने कहा कि ये केवल सैंपल सर्वे है। ये एक्सपर्ट द्वारा रिव्यू किए गए रिसर्च पेपर नहीं हैं। इसमें ये बात वैज्ञानिक आधार पर साफ नहीं हो रही है कि अलग ब्लडग्रुप वालों की संक्रमण दर अलग क्यों है। अभी O ब्लड ग्रुप और बेहतर इम्युनिटी को कनेक्ट करना जल्दबाजी होगी।
(स्रोत: दैनिक भास्कर)
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