फेफड़े 80 फीसद खराब होने के बाद भी दवाओं, योग और हौसले से जीती कोरोना से जंग
सागर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के सागर स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कालेज (BMC) के चेस्ट (छाती) रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सतेंद्र मिश्रा फेफड़े में 80 फीसद संक्रमण के बाद भी कोरोना को हराकर लौट आए हैं। उन्होंने 21 दिनों तक कोरोना से लड़ाई लड़ी। उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से हैदराबाद ले जाया गया था। दवाओं, योग और मजबूत मनोबल के भरोसे उन्होंने कोरोना को मात दे दी।
वह कहते हैं कि इस लड़ाई में खुद की हिम्मत और हौसला बहुत संबल देता है। फेफड़ों में बहुत ज्यादा संक्रमण हो गया था। कुछ देर के लिए लगा कि पता नहीं क्या होगा? फिर ठान लिया कि कोरोना को हर हाल में हराना है। यह वायरस इतना मजबूत नहीं कि दिल और दिमाग पर हावी हो जाए। सकारात्मक सोच के साथ स्वस्थ रहने के लिए रोज योग और ध्यान किया। सुदर्शन क्रिया ने बहुत मदद की। मन को कभी पस्त नहीं होने दिया। रोज सोचता था कि बस कुछ ही दिनों की बात है। आखिरकार दवाओं और दुआ के साथ मेरी हिम्मत भी काम कर गई। अब पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट आया हूं।कोरोना से बचाव के लिए अब लोग घर में भी मास्क जरूर पहनें। आपके घर का यदि एक सदस्य भी कोरोना संक्रमित हो जाता है तो मास्क ही बाकी सदस्यों की रक्षा करेगा।
मुझे लगता है कि जो डाक्टर इस महामारी में काम कर रहे हैं, उन्हें घरवालों की सुरक्षा के लिए अलग रहना चाहिए। पोषण युक्त खाना व व्यायाम, नियमित योग व अच्छी नींद भी बहुत जरूरी है। मेरी रिकवरी में जो सबसे ज्यादा काम आया, वह योग और प्राणायाम है। यह भरोसा जरूर रखें कि जीत हमारी होगी, कोरोना हारेगा। मैं जल्द ही काम पर लौटूँगा।
इस तरह हुए बचाने के प्रयास
डॉ. सत्येंद्र मिश्रा ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो गए थे। संक्रमण बहुत ज्यादा बढ़ने से सागर में उनका इलाज नहीं हो पाया। इस बीच उनके साथी डा. उमेश पटेल ने उनकी जान बचाने के लिए इंटरनेट मीडिया पर एक अपील करते हुए वीडियो डालकर मदद मांगी। स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मदद मांगी और फिर प्रशासन भी आगे आया। कलेक्टर ने विशेष अनुमति देकर रविवार के दिन बैंक खुलवाई और एयर एंबुलेंस और इलाज के लिए रुपये जमा करवाए। डा. मिश्रा को ग्रीन कारिडोर बनाकर भोपाल लाया गया। यहां से एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के यशोदा अस्पताल ले जाया गया। यदि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होता तो फेफड़ों के प्रत्यारोपण की भी तैयारी थी।
(स्रोत: दैनिक जागरण)
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