काबुल में आतंकी हमला:स्कूल के बाहर हुए बम ब्लास्ट में अबतक 55 लोगों की मौत, 150 से ज्यादा घायल
इधर, शिक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता नजीबा एरियन ने बताया कि सैयद उल शुहादा हाईस्कूल में लड़के और लड़की दोनों तीन शिफ्ट में पढ़ाई करते हैं। इसमें दूसरी शिफ्ट लड़कियों के लिए लगती है। घायलों और मरने वालों में लड़कियां ज्यादा हैं।
राष्ट्रपति बोले- तालिबान किसी मुद्दे को सुलझाना नहीं चाहता
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा, इस घटना ने बता दिया है कि तालिबान किसी भी मसले को शांतिपूर्ण तरीके से हल नहीं करना चाहता है। वह मुद्दे को हल करने की बजाय जटिल बना रहा है।
वहीं, अमेरिका के राजदूत रोस विलसन ने भी इस हमले की निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, बच्चों पर हमला अफगानिस्तान के भविष्य पर हमला है। यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
अमेरिकी फौज की वापसी से हालात बिगड़ने का डर
20 साल लंबे और महंगे युद्ध के बाद अमेरिका की फौज अफगानिस्तान से अपने वतन लौट रही हैं। अल कायदा के 9/11 हमले के बाद साल 2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान में सेना उतारी थी। इस युद्ध में अमेरिका ने 2400 सैनिकों को खो दिया। अब देश की सुरक्षा अफगान बलों के पास है। ऐसे में देश में फिर हालात बिगड़ने का डर सताने लगा है। लोग फिर तालिबान के राज वाले दिनों के लौटने की आशंका से सहमे हुए हैं।
अफगानिस्तान में अब भी तालिबान सक्रिय
अफगानिस्तान में अभी अफगानी तालिबान और पाकिस्तानी तालिबान सक्रिय हैं। इसके साथ ही सीरिया का ISIS, हक्कानी ग्रुप भी पाकिस्तान संरक्षित तालिबान जैसे आंतकी संगठन को मदद करता है। हालांकि, तालिबान अब कमजोर हो गया है। अफगान की 60 फीसदी जमीन पर उसका प्रभाव है। उसके आतंकी अक्सर अफगान सेना पर हमले करते रहते हैं।
(स्रोत: दैनिक भास्कर)
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