50 की उम्र में भी महिलाएं बन रहीं मां:ब्रिटेन में पिछले साल औसतन हर हफ्ते 50 से ज्यादा उम्र वाली तीन महिलाएं मां बनीं, सरोगेट की मदद के बिना बच्चों को जन्म दे रही हैं
'लॉकडाउन मेरे लिए बेहद खूबसूरत समय रहा है और इसी दौरान मैंने बेटी को जन्म दिया। मां बनना जिंदगी का सबसे सुखद अहसास है।’ यह बात ब्रिटिश अदाकारा और मॉडल नाओमी कैम्पबेल ने हाल ही एक इंटरव्यू में कही। 50 साल की नाओमी ने यह खबर देकर अपने प्रशंसकों को चौंका दिया। पर नाओमी ऐसी उपलब्धि वाली अकेली नहीं हैं, उनके जैसी कई अन्य सेलेब्रिटी महिलाओं ने 50 की उम्र या उसके बाद मां बनने का फैसला किया।
ब्रिटेन के एनएचएस ट्रस्ट के इसी हफ्ते जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले साल औसतन हर हफ्ते 50 साल से ज्यादा उम्र की तीन महिलाएं मां बनीं। इन कुल 139 महिलाओं में खास बात यह है कि इन्होंने किसी सरोगेट की मदद न लेते हुए खुद ही बच्चों को गर्भ में पाला।
इनमें से 14 महिलाएं तो 55 साल से ज्यादा उम्र की हैं। 50 पार मां बनने वालों की यह संख्या पिछले पांच साल में सर्वाधिक है। इन सभी ने फर्टिलिटी उपचार लिया था। 2016 में 93 ऐसी महिलाएं मां बनीं थीं, जिनकी उम्र 55 से ज्यादा थी। विशेषज्ञों के मुताबिक इस ट्रेंड के पीछे बड़ी वजह करियर पर फोकस और सही जीवनसाथी मिलने में देरी है।
सेलेब्रिटी इसे ‘जेनेट जैक्सन इफेक्ट’ कहते हैं। अमेरिकी पॉप गायिका जेनेट भी 50 की उम्र में 2017 में पहली बार मां बनीं थी। डेनमार्क की चर्चित अभिनेत्री ब्रिगेट नीलसन ने 54 की उम्र में पांचवीं संतान को जन्म दिया था। इसी साल अमेरिकी एथलीट बारबरा हिगिंस ने 57 साल की उम्र में बच्चे को जन्म दिया। अमेरिकी गायिका सोफी हॉकिंस ने भी 50 साल की उम्र में बेटी को जन्म दिया था।
हालांकि ब्रिटेन में एनएचएस के अस्पताल 43 साल के बाद मातृत्व के लिए कम प्रोत्साहित करते हैं। कुछ प्राइवेट क्लीनिक तैयार हो जाते हैं। पर ज्यादातर अस्पताल जोखिम के चलते 50 के बाद मातृत्व के लिए मदद नहीं देते। ब्रिटिश फर्टिलिटी सोसायटी के चेयरमैन डॉ. राज माथुर कहते हैं कि 50 की उम्र के बाद आईवीएफ या अन्य उपचार ठीक नहीं है। ज्यादा उम्र में मां बनना यानी ज्यादा केयर, सपोर्ट और संसाधनों की जरूरत है, जोखिम भी ज्यादा रहते हैं।
किसी भी उम्र में मां बनना खुशी की बात, लोग जजमेंटल न बनें : विशेषज्ञ
किंग्स कॉलेज में मानद् प्रोफेसर सुजैन ब्यूले कहती हैं कि स्वस्थ मां के द्वारा स्वस्थ बच्चे को जन्म देना किसी भी उम्र में खुशी की बात है, और लोगों को इसे लेकर जजमेंटल नहीं होना चाहिए। पर यह ध्यान रखना जरूरी है कि मां की सेहत को खतरा न हो। बच्चे के समझदार होने तक उसे मां की देखभाल मिल सके।
फैमिली लाइफ की शिक्षाविद् पैट्रिशिया मॉर्गन भी ऐसा ही मानती हैं। रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के प्रवक्ता का कहना है कि जीवन के उत्तरार्द्ध में बच्चे को जन्म देने का यह ट्रेंड सामाजिक, पेशेवर और आर्थिक कारणों की वजह से भी हो सकता है। इसे नकारात्मक रूप में नहीं देखना चाहिए।
(स्रोत : दैनिक भास्कर)
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