अफगानिस्तान से अमेरिकी, NATO सैनिकों को वापस बुलाने से बढ़ेगी भारत की चिंता: विशेषज्ञ
अमेरिका और नाटो के सैनिकों को 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से वापस बुलाये जाने पर तालिबान का फिर से सिर उठा सकता है। इस युद्धग्रस्त देश का आतंकवादियों के शरणस्थली के रूप में इस्तेमाल किया जाना भारत के लिए चिंता का विषय होगा। एक्सपर्ट्स ने यह राय दी है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को घोषणा की कि अफगानिस्तान में करीब दो दशक के बाद इस साल 11 सितंबर तक वहां से सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लिया जाएगा।
इसके बाद, नाटो ने भी कहा कि वह भी अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा। बाइडेन ने कहा कि उनका प्रशासन क्षेत्र के अन्य देशों, विशेष रूप से पाकिस्तान, रूस, चीन, भारत और तुर्की से अफगानिस्तान की और अधिक सहायता करने का अनुरोध करेगा। उन्होंने कहा, 'उन सभी का अफगानिस्तान के स्थिर भविष्य में महत्वपूर्ण हित है।'
बाइडेन ने कहा, 'हम आनन-फानन में वहां से सैनिकों को वापस नहीं बुलाने जा रहे हैं। हम इसे जिम्मेदारी के साथ, सोच विचार कर और सुरक्षित रूप से करेंगे। हम अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ पूरा समन्वय करते हुए इसे करेंगे, जिनके अब अफगानिस्तान में हमारी तुलना में कहीं अधिक सुरक्षा बल हैं।'
हालांकि, अमेरिकी विशेषज्ञ और क्षेत्र के देश, खासतौर पर भारत वहां से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान आतंकवादियों की गतिविधियों को बड़ी चिंता के रूप में देखेगा।
(स्रोत: नवभारत टाइम्स)
No comments:
Post a Comment