Friday, 16 April 2021

हवा के रास्ते आसानी से फैलता है कोरोना? मेडिकल जरनैल "The Lancet की स्टडी में किए गए 10 दावे

 हवा के रास्ते आसानी से फैलता है कोरोना? मेडिकल जरनैल "The Lancet की स्टडी में किए गए 10 दावे

       कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से दुनिया का कोई कोना शायद ही अनछुआ रह गया हो। समय के साथ यह बीमारी अपना रूप बदलती जा रही है और भारत समेत कई देशों में इस वक्त पहले से भी ज्यादा विकराल हो चुकी है। इससे बचने के लिए कई वैक्सीनें तक आ गई हैं लेकिन अभी भी कुछ बुनियादी सवाल ऐसे हैं जिनके पुख्ता जवाब नहीं मिले हैं। ऐसा ही एक सवाल है कि आखिर वायरस फैलता कैसे है?


      तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए मन में यह सवाल भी आता है कि क्या यह हवा में घुल चुका है? तो प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल 'द लांसेट' में छपी एक स्टडी में इस बात का दावा भी कर दिया गया है कि ज्यादातर ट्रांसमिशन हवा के रास्ते (aerosol) से हो रहा है। इस दावे को साबित करने के लिए स्टडी में 10 कारण दिए गए हैं-



     1. स्टडी में बताया गया है कि वायरस के सुपरस्प्रेडर इवेंट महामारी को तेजी से आगे ले जाते हैं। इसमें कहा गया है कि ऐसे ट्रांसमिशन का हवा (aerosol) के जरिए होना ज्यादा आसान है बजाय बूंदों के। ऐसे इवेंट्स की ज्यादा संख्या के आधार पर इस ट्रांसमिशन को अहम माना जाता सकता है।


     2. क्वारंटीन होटलों में एक-दूसरे से सटे कमरों में रह रहे लोगों के बीच ट्रांसमिशन देखा गया, बिना एक-दूसरे के कमरे में गए।


      3. बिना लक्षण या लक्षण से पहले ऐसे लोगों से ट्रांसमिशन जिन्हें खांसी या छींक ना आ रही हो, उनसे ट्रांसमिशन के कम से कम एक तिहाई मामले हैं और दुनियाभर में वायरस फैलने का यह एक बड़ा जरिया है। इससे हवा के रास्ते वायरस फैलने की बात को बल मिलता है। स्टडी में यह भी कहा गया है कि बोलते वक्त हजारों पार्टिकल पैदा होते हैं और कई बड़ी बूंदें जिससे हवा के जरिए वायरस फैलने का रास्ता खुलता है।


     4. इमारतों के अंदर ट्रांसमिशन बाहर के मुकाबले ज्यादा है और वेंटिलेशन होने से यह कम हो जाता है।


     5. अस्पतालों और मेडिकल संगठनों के अंदर भी इन्फेक्शन फैला है जहां कॉन्टैक्ट और ड्रॉपलेट से जुड़े कड़े नियमों, जैसे PPE तक का पालन किया जाता है। हालांकि, aerosol से बचने के लिए कोई तरीका नहीं होता।
       6. लैब में SARS-CoV-2 वायरस हवा में मिलने का दावा किया गया है। इस दौरान वायरस 3 घंटे तक हवा में संक्रामक हालत में रहा। कोविड-19 मरीजों के कमरों और कार में हवा के सैंपल में वायरस मिला। रिपोर्ट में कहा गया है कि हवा में वायरस का सैंपल इकट्ठा करना काफी चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए तकनीकी कमियां होती हैं और वायरस को लैब तक लाना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए खसरे और टीबी का उदाहरण दिया गया है जो फैलती हवा से हैं लेकिन लैब में इन्हें कमरे की हवा से लेकर कल्चर नहीं किया जा सका है।


    7. अस्पतालों और कोविड-19 के मरीजों वाली इमारतों के एयर फिल्टर्स और डक्ट में वायरस मिला है जहां सिर्फ aerosol पहुंच सकते हैं।


    8. अलग-अलग पिंजड़ों में कैद जानवरों में भी ट्रांसमिशन मिला है जो एयर डक्ट से ही जुड़े थे।


       9. हवा से वायरस नहीं फैलता, यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।


     10. दूसरे तरीकों से वायरस फैलने के कम सबूत हैं।
 
(स्रोत: नवभारत टाइम्स)

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