पटना एम्स में IAS को तो बेड मिल सकता है पर रिटायर्ड फौजी को मुश्किल है
बिहार में कोरोना मरीज कैसे 'क्लास' में बंट गए हैं, इसका अंदाजा आप एक रिटायर्ड फौजी की मौत से लगा सकते हैं। परिजनों के मुताबिक पटना एम्स ने सीधे-सीधे भर्ती से इंकार कर दिया। जबकि वीवीआईपी के लिए, आईएएस के लिए, आईपीएस के लिए और दूसरे 'बड़े आदमी' के लिए मिनटों में सबकुछ इंतजाम कर देता है।
पटना में रिटायर्ड फौजी का गुनहगार कौन?
पटना के दो-दो बड़े अस्पताल (AIIMS-NMCH) एक रिटायर्ड फौजी के गुनहगार है। जीवन और मौत वैसे तो किसी के हाथ में नहीं होती है। मगर उम्मीदों का टूट जाना नफरत पैदा करता है। लखीसराय से जीवन की उम्मीद लिए अभिमन्यु अपने पिता को पटना एम्स के दरवाजे तक लाए थे। बड़ा नाम सुने थे, मंत्री से, मुख्यमंत्री से, मीडिया से और न जाने कहां-कहां तक एम्स का पताका फहराता है। मगर अभिमन्यु के पिता को भर्ती करने से पटना एम्स ने इंकार कर दिया। ऐसा अभिमन्यु ने बताया।
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