Thursday, 29 April 2021

कब्रिस्तान और श्मशान छोटे पड़ गए

कब्रिस्तान और श्मशान छोटे पड़ गए: गाजियाबाद में फुटपाथ पर जल रहीं चिताएं, कर्नाटक में घरों और खेतों में अंतिम संस्कार की इजाजत देनी पड़ी


श्मशान घाट में जगह नहीं बची है, दाह संस्कार के लिए आप कहीं और जाएं...
      अपनों की अर्थी को कंधों पर लादे कोई व्यक्ति ये लाइनें पढ़ेगा तो उस पर क्या गुजरेगी। लेकिन, आज का सच यही है। हर ओर चिताएं जल रही हैं और देश मातम में डूबा है। गाजियाबाद के श्मशान घाट पर जगह कम पड़ रही है, क्योंकि राजधानी से सटे इस शहर में हर पल किसी न किसी की जान जा रही है। अब स्थिति ये है कि फुटपाथ पर चिताएं जल रही हैं। वहीं, कर्नाटक में सरकार को घरों के आसपास की जगहों और खेतों में भी अंतिम संस्कार की इजाजत देनी पड़ी है।

गाजियाबाद की ये तस्वीरें, जो आपको हिला देंगी

       करीब 3 दिन पहले की बात है, गाजियाबाद स्थित हिंडन नदी के किनारे घाट में लाइन से शवों का दाह संस्कार किया गया। बताया जा रहा है कि 35 से ज्यादा शवों को श्मशान घाट के दूसरी तरफ फुटपाथ पर जलाया गया। ये घटना देर रात की है। ये सभी कोरोना की जंग हारने वाले लोग थे।

कुत्तों की कब्रगाह में लोगों का दाह संस्कार
        नई दिल्ली में भी कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। ऐसे में साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने लोगों के दाह संस्कार के लिए कुत्तों के कब्रगाह यानी डॉग क्रेमेटोरियम का इस्तेमाल करने का मन बनाया है। जब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी तब तक इसे लोगों की चिताएं जलाने के लिए लिया जा रहा है।
    दिल्ली में रोजना कोरोना से करीब 700 लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में प्रशासन ने अंतिम संस्कार के लिए इस जगह को चुना है। डॉग क्रेमेटोरियम अभी शुरू नहीं हुआ है, ऐसे में प्रशासन इसका इस्तेमाल लोगों के लिए कर रहा है। ये द्वारका के सेक्टर 29 में 3.5 एकड़ में फैला है।
कर्नाटक में घरों में दाह संस्कार की इजाजत
      कर्नाटक सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें लोगों से अपने खेतों में और घरों के पीछे दाह संस्कार करने को कहा गया है। श्मशानों और कब्रिस्तानों में भारी भीड़ की वजह से राज्य सरकार ऐसा फैसला लेने पर मजबूर हुई है। सरकार का कहना है कि इससे लोग सम्मान के साथ अपनों की अंतिम क्रिया कर सकेंगे।

(स्रोत: दैनिक भास्कर)

No comments:

Post a Comment