कोरोना पर बिहार सरकार को अदालत की फटकार, अगर ऑक्सिजन है तो लोगों की मौत कैसे हो रही- पटना हाईकोर्ट
कोरोना से बेहाल बिहार को लेकर पटना हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने इस दौरान बिहार सरकार को फटकार के साथ नसीहत भी दी है। दरअसल पटना हाईकोर्ट की बनाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पीएमसीएच, आईजीआईएमएस और मेदांता अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए करीब एक हजार से ज्यादा बेड खाली पड़े हुए हैं। बुधवार को हाइकोर्ट में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सिजन की अनियमित आपूर्ति के कारण अस्पताल प्रशासन मरीजों को भर्ती नहीं कर पा रहा है। डॉक्टर उमेश भदानी, डॉक्टर रवि कृति और डॉक्टर रवि शंकर सिंह की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की।
पटना में बेड खाली लेकिन भटक रहे कोरोना पीड़ित
पीएमसीएच में 1750 बेड की सुविधा है किंतु उसमें केवल 770 बेड ही कोविड मरीजों को मिले हैं। आईजीआईएमएस में 1070 बेड की क्षमता के उलट सिर्फ 250 बेड ही कोविड मरीजों के लिए है। दूसरी तरफ 500 बेड वाला मेदांता अब तक शुरू नहीं हो पाया है।
समिति की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए हाइकोर्ट ने नाराजगी जताई। साथ ही कहा कि इन सभी अस्पतालों को 24 घंटे निर्बाध ऑक्सिजन आपूर्ति करने की कार्ययोजना पेश करें। न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह एवं न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खण्डपीठ ने शिवानी कौशिक और गौरव कुमार सिंह की ओर से दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई की।
ऑक्सिजन की कमी नहीं तो कैसे हो रही मौत
बुधवार को सुनवाई ऑक्सिजन की आपूर्ति पर केंद्रित रही। सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि बड़े दुख की बात है कि केंद्र सरकार की ओर से तय 194 मीट्रिक टन ऑक्सिजन में से राज्य सरकार केवल 90 मीट्रिक टन ऑक्सिजन का ही उठाव कर पा रही है। फिर भी सरकार कह रही है कि अस्पतालों में ऑक्सिजन की कमी नहीं है। अगर ऑक्सिजन है तो फिर ऑक्सिजन की कमी से मरीजों की मौत कैसे हो रही है? कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से तय 194 मीट्रिक टन ऑक्सिजन का उठाव हर हाल में राज्य सरकार करे।
अदालत ने होम आइसोलेट मरीजों को भी ऑक्सिजन देने को कहा
कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप अस्पतालों में बेडों की संख्या घटा दीजिए। यह समस्या का समाधान नहीं ही। कोर्ट ने कहा कि होम आइसोलशन में रह रहे लोगों को ऑक्सिजन कैसे सप्लाई की जाए, इस बारे में कोई कार्ययोजना नहीं है। होम आइसोलशन में रह रहे लोगों को भी ऑक्सिजन सुनिश्चित किया जाय।
(स्रोत: नवभारत टाइम्स)
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