छात्राओं के शौचालय का पुलिस कर रही इस्तेमाल, पटना हाई कोर्ट ने जताई कड़ी नाराजगी
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाईकोर्ट ने राजधानी के एक प्रतिष्ठित सरकारी गर्ल्स स्कूल में पुलिस बल को रखे जाने और छात्राओं के शौचालयों का पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि महिला शौचालय का इस्तेमाल पुलिस कैसे कर सकती है ? पुलिस के जवानों को क्या लड़कियों के स्कूल में रखा जाना चाहिए। यदि सरकार की ऐसी कोई पॉलिसी है तो उसे दिखाएं। कोर्ट ने गर्ल्स काॅलेजों व स्कूलों में महिला शौचालय की दुर्दशा पर भी चिंता प्रकट की। कहा कि आखिर एक ही समय में लेडी टॉयलेट का इस्तेमाल पुलिस बल और छात्रायें कैसे कर सकती है?
यही नहीं कोर्ट ने शहर के कई सरकारी गर्ल्स कालेजों व स्कूलों में लेडी टॉयलेट के खस्ताहाल पर भी चिंता प्रकट की l कोर्ट ने गुस्से में यहां तक पूछ लिया कि विभाग के मंत्री कौन हैं?
इसके साथ ही कोर्ट ने बांकीपुर गर्ल्स स्कूल, यारपुर स्थित आदर्श कन्या मध्य विद्यालय, कदमकुंआ लोकेश्वरी महिला हाई स्कूल, लालजी टोला कन्या मध्य विद्यालय तथा पटना सिटी के नारायणी कन्या मिडिल स्कूल के प्रिंसिपल को तलब किया है l
हलफनामा और महिला वकीलों की टीम की रिपोर्ट अलग
शौचालय की दुर्दशा के बारे में कोर्ट की तीन सदस्यीय महिला वकीलों की कमिटी की ओर से पेश रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिए। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट को य़ह जानकारी दी गई कि पीयू के सभी महिला शौचालयों की स्थिति अच्छी है। इनमें कोई कमी नहीं है। पीपीयू के 10 कालेजों में 184 महिला शौचालय हैं। जबकि 31 सरकारी स्कूलों में 213 महिला शौचालय हैं। सभी की स्थिति अच्छी है।
वहीं जब महिला वकीलों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में शौचालयों की स्थिति बताई तो कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की। हलफनामा में शौचालयों की स्थिति को काफी अच्छा बताया गया है, जबकि महिला वकीलों की टीम ने कुछ और ही स्थिति बयां की है।
(स्रोत: दैनिक जागरण)
No comments:
Post a Comment